जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विस्तार के बाद मंत्रिमंडल में शामिल नये मंत्रियों को विभाग आवंटित करने के साथ ही कई मंत्रियों के विभाग बदले दिए है। इसके अलावा केन्द्र सरकार की तर्ज पर राज्य में जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया है। माना जा रहा है कि जल शक्ति मंत्रालय प्रदेश का सबसे मजबूत मंत्रालय होगा। सीएम योगी के इस कदम की चारों तरफ तारीफ हो रही है।
लेकिन इस बीच योगी सरकार की एक छोटी सी चूक के चलते काफी किरकिरी झेलनी पड़ रही है। दरअसल, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को ऐसा विभाग आवंटित कर दिया गया जिसको खुद योगी सरकार ने ही समाप्त किया था।
योगी सरकार के मंत्रिमंडल के विभाग बंंटवारे के दौरान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को मनोरंजन कर विभाग आवंटन कर दिया गया, जिसे खुद सरकार ने जीएसटी लागू होने के बाद समाप्त किया था।
2017 में योगी सरकार जब सत्ता में आई थी तो उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को अन्य विभागों के साथ मनोरंजन कर विभाग भी आवंटित किया गया था। प्रदेश में 1 जुलाई 2017 को जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद मनोरंजन कर को जीएसटी में समाहित कर दिया गया था, जिसके बाद इस विभाग को समाप्त कर दिया गया था।
आपको बता दे कि योगी सरकार ने 24 अप्रैल 2018 को मनोरंजन कर विभाग का विलय वाणिज्य कर विभाग में कर दिया। विलय में मनोरंजन कर निरीक्षकों को छोड़कर अधिकारियों व कर्मचारियों को वाणिज्य कर विभाग में मर्ज कर दिया गया।
9 मार्च 2019 को निरीक्षकों को भी वाणिज्य कर विभाग में निरीक्षक के पद पर मर्ज कर दिया गया था। जिसके बाद मनोरंजन कर विभाग का अस्तित्व खत्म हो गया। इसके बाद भी विभाग को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को आवंटित करना सचिवालय प्रशासन की बड़ी चूक को दर्शाता है।