मल्लिका दूबे
गोरखपुर: जिस गुरू की आन-बान और शान में जान तक देने का ऐलान करता था चेला, अब उन्हीं के किले में सेंध लगाने जा रहा है। 2017 में यूपी के विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक महत्वाकांक्षा बलवती होने पर गुरू से हुई खटपट के बाद चेले को रासुका में निरुद्ध होकर जेल तक की हवा खानी पड़ी थी। अब जेल से बाहर आने के बाद उसने गुरू की प्रतिष्ठा वाली उनके गृह संसदीय क्षेत्र से चुनावी ताल ठोंक दी है।
प्रवीण तोगड़िया और हिन्दू महासभा के समर्थन से चुनाव लड़ने का ऐलान
यह गुरू हैं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और चेले हैं योगी की सरपरस्ती वाले चर्चित संगठन हिन्दू युवा वाहिनी के लंबे समय तक प्रदेश अध्यक्ष रहे सुनील सिंह। सुनील सिंह ने अब हिन्दू युवा वाहिनी भारत के नाम से अपना अलग संगठन बना लिया है। विश्व हिन्दू परिषद से किनारा कर अपना अपना अलग संगठन और हिंदुस्तान निर्माण दल का गठन करने वाले डा. प्रवीण तोगड़िया और हिन्दू महासभा के समर्थन से सुनील सिंह ने शनिवार को गोरखपुर में संसदीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
बिना नाम लिया साधा गुरू पर निशाना
चुनाव लड़ने का ऐलान करने के दौरान सुनील सिंह ने अपने गुरू रहे योगी आदित्यनाथ का नाम तो नहीं लिया लेकिन बिना नाम लिए ताबड़तोड़ हमला किया। सुनील ने कहा कि बतौर सांसद गोरखपुर की चिंता करने वाले जब सत्ता के शीर्ष पर पहुंच जाते हैं तो उनकी सोच बदल जाती है। मेडिकल कालेज में आक्सीजन के अभाव में हुई मासूमों की मौतों पर किस तरह सत्ता ने संवेदनहीनता दिखाकर मामले की लीपापोती की, वह किसी से छिपा नहीं है। बिना नाम लिए योगी पर हमला जारी रखते हुए सिंह ने कहा कि छोटे-छोटे प्रकरण में सड़क पर उतरने वाले अब बड़े मामलों में चुप्पी साधे हुए हैं।
कभी योगी के बेहद करीबी थे सुनील सिंह
हिन्दू युवा वाहिनी की ताकत के दम पर ही योगी आदित्यनाथ कई बार भाजपा संगठन को भी चुनौती पेश कर देते थे। कभी योगी के बेहद करीबी रहे सुनील सिंह इसी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष थे। 2007 के यूपी के विधानसभा चुनाव में टिकट के फैसले पर जब योगी ने प्रकारांतर में अलग राह पकड़ आधा दर्जन सीटों पर हिन्दू महासभा के बैनर तले प्रत्याशियों की सूची जारी करायी थी, तब उसके पीछे हियुवा संगठन का ही बल था।
हालांकि बाद में भाजपा नेतृत्व ने योगी की सहमति से टिकट तय कर उस समय का बवाल थाम लिया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में सुनील सिंह ने योगी से बगावत कर दिया और भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ प्रत्याशी उतारने का ऐलान भी। इस पर योगी ने उन्हें हियुवा से बाहर का रास्ता दिखा दिया। योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद सुनील सिंह ने दोबारा करीबियत की कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
हियुवा के कुछ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने हिन्दू युवा वाहिनी भारत के नाम से अपना अलग संगठन बना लिया। पिछले साल जुलाई महीने में हिन्दू युवा वाहिनी के एक नेता को जान से मारने की धमकी देने और राजघाट थाने पर बवाल करने के मामले में सुनील सिंह व उनके सहयोगियों को गिरफ्तार कर रासुका में निरुद्ध कर दिया गया था।