न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में मोहद्दीपुर से जंगल कौड़िया तक बन रहे 17 किलोमीटर लंबे फोरलेन के लिए अपनी ही दुकानों और उस मंदिर की चहारदीवारी पर बुल्डोजर चलवा दिया, जिसके वह पीठाधीश्वर हैं।
दरअसल, मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ के आदेश से गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर की एक-दो नहीं, दो सौ से ज्यादा दुकानें जमींदोज की जा रही हैं।
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मंदिर परिसर की करीब दो सौ और उससे लगी सौ अन्य दुकानें फोरलेन के आड़े आ रही थीं। पिछले चार दिन से इन दुकानों को तोड़े जाने का सिलसिला जारी है। मंदिर की दुकानें तोड़ने की इजाजत खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी है। इस आदेश के पूरा प्रशासनिक अमला दुकानों को तोड़ने में लगा है।
गोरखनाथ मंदिर की दुकानों को जिन स्थानों से हटाकर फोरलेन का रास्ता बनाया गया है, उन पर मंदिर का मालिकाना हक था। दुकानें पूरी तरह वैध थीं। इसके बावजूद सार्वजनिक हित में मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर ने दुकानें तुड़वाकर जमीन फोरलेन के लिए दे दी। ठीक वैसे ही जैसे ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ ने 1950 में गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना में प्राभूत राशि के रूप में अपने दो महाविद्यालय (महाराणा प्रताप महाविद्यालय और महाराणा प्रताप महिला महाविद्यालय) दे दिए थे।
सीएम योगी आदित्यनाथ के इस फैसले से गोरखपुर के लोगों को जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी। ये फोरलेन जंगल कौड़िया में ही सोनौली जाने वाली हाइवे से मिल जाएगी। साथ ही शहर में प्रवेश करने वाले लोगों को जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा।
हालांकि, इन दुकानदारों के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने नई जगह की व्यवस्था करने के निर्देश मंदिर प्रबंधन को दिए हैं। इसके बाद मंदिर प्रबंधन ने मल्टीस्टोरी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि कॉम्पलेक्स के लिए जीडीए ने मानचित्र को अप्रूव कर दिया है।