न्यूज डेस्क
पूरी दुनिया में वर्तमान में एक ओर साइबर क्राइम रोकने पर बहस छिड़ी हुई है तो वहीं दूसरी ओर फेक न्यूज पर नियंत्रण करने पर जोर दिया जा रहा है। इस बीच गूगल ने अपने प्ले स्टोर से 29 संदिग्ध एप्स हटा दिए हैं। जो एप्स हटाए गए हैं उन्हें ‘मलिशियस एप्स” भी कहा जाता है।
यह जानकारी साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सक्रिय क्विक हील सिक्योरिटी लैब्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दी है। गूगल ने जो एप्स हटाए हैं वो सभी एप्स कुल मिलाकर एक करोड़ से भी ज्यादा बार डाउनलोड हुए थे। इनमें ‘मल्टीएप मल्टीपल अकाउंट्स सिमल्टेनियसली’ नाम का एप भी शामिल है जिसके 50 लाख से भी ज्यादा डाउनलोड्स हुए थे।
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गूगल ने प्ले स्टोर से जो 29 एप्स हटाए हैं उनमें से 24 ऐसे हैं जिनका आइकन डाउनलोड होने के बाद गायब हो जाता था और होमक्रीन पर उसका शॉर्ट कट बन जाता था। इसलिए ताकि यूजर उसे ड्रैग करके आसानी से डिलीट न कर सके।
क्विक हील के अनुसार बाकी पांच एप्स एडवेयर हैं। ये खासकर फोन में यूट्यूब या फेसबुक पर दिखने वाले विज्ञापनों के जरिये इंस्टाल होते हैं। इनमें यूजर को एक्सरे स्कैनिंग जैसी अविश्सनीय सुविधाओं का लालच देकर एप डाउनलोड करने के लिए बरगलाया जाता है, लेकिन वास्तव में ये मोबाइल पर बड़ी संख्या में विज्ञापन दिखाने के लिए बने होते हैं। इनके चलते फोन की बैटरी जल्द खत्म होती है। इसके अलावा ये काफी डेटा भी खाते हैं।
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विशेषज्ञ के अनुसार इसके लॉन्च करते ही इनमें से कुछ एप कैमरा खोल देते हैं और यूजर को फ्लैश, लाइट और गैलरी जैसे ऑप्शन दिखाते हैं, लेकिन जैसे ही यूजर इनमें से किसी एक पर क्लिक करता है तो ये फुलस्क्रीन एड दिखाने लगते हैं जिनमें बंद करने का कोई विकल्प नहीं होता।
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