स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी रोहित चतुर्वेदी का सोमवार को निर्धन हो गया है। रोहित चतेुर्वेदी 80 साल के थे। रोहित चतुर्वेदी यूपीसीए की चयन समिति के अध्यक्ष और क्षेत्रीय क्रीडा अधिकारी के तौर पर काम कर चुके हैं।
यूपीसीए और राज्य क्रिकेट को एक अलग पहचान दिलाने वाले रोहित चतुर्वेदी ने लखनऊ में डालीगंज क्षेत्र के बाबूगंज मोहल्ले में स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। अंतिम संस्कार सोमवार को भैसाकुंड शवदाह गृह में किया गया। इस अवसर पर खेल जगत के कई लोग मौजूद थे।
यूपी रणजी टीम के पूर्व खिलाड़ी अशोक बांबी ने उनके निर्धन गहरा शोक जताते हुए कहा कि उनकी गेंदों में गजब की स्विंग देखने को मिलती थी। उन्होंने अतीत के गलियारे से पिटारा खोलते हुए कहा कि मौजूदा समय में जो स्विंग भुवी व प्रवीण कुमार में है उससे ज्यादा खतरनाक स्विंग रोहित चतेुर्वेदी की गेंदों में देखने को मिलती थी।
इतना ही नहीं उनकी इस कला की वजह से उन्हें लोग स्विंग चतुर्वेदी के नाम से पुकारने लगे थे। इसके साथ ही उस दौर में बहुत कम गेंदबाज स्विंग के साथ-साथ लेग कटर फेंका करते थे।
बांबी ने उनके करियर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 1953 में पाकिस्तान की स्कूली टीम के खिलाफ उनकी गेंदबाजी बेहद शानदार रही थी। उन्होंने बताया कि उस दौर में उनकी गेंदबाजी उनके एक्शन के लिए खूब सुर्खियों में रही है।
1957 में कर्नल सीके नायडू में उनकी गेंदबाजी को सही तरीके से परखा गया। हालांकि राजनीति के चलते उनका करियर ज्यादा आगे नहीं बढ़ सका। चतुर्वेदी भी 1959-60 के दौरान यूपी टीम में चयनित हुये लेकिन उनके एक्शन को संदिग्ध करार देते हुये टीम से बाहर कर दिया गया।
इसके बाद उन्होंने क्रिकेट से दूरी बना ली लेकिन एक पत्रकार की मदद से वह दोबारा क्रिकेट में लौटे और 1966-67 में एक बार फिर उन्होंने यूपी रणजी टीम का नेतृत्व किया। यूपीसीए ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है।
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