जुबिली स्पेशल डेस्क
देश के जाने-माने कथक सम्राट और पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित बिरजू महाराज अब इस दुनिया में नहीं रहे। जानकारी के मुताबिक 83 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात को उन्हें हार्ट अटैक आया। उनके निधन की खबर उनके पोते स्वरांश मिश्र ने खुद सोशल मीडिया पर दी है।
लखनऊ से था खास तालुक
बिरजू महाराज का असली नाम बृजमोहन मिश्रा और उनका जन्म 4 फरवरी, 1938 को लखनऊ में हुआ था। उनको लोग पंडित जी या महाराज के नाम से जानते थे।
बताया जा रहा हैै कि कल रात यानी रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात करीब 12:00 बजे तक अपने नाती पोतों के साथ अंताक्षरी खेल रहे थे लेकिन तभी अचानक से उनकी तबीयत खराब हो गई।
इतना ही नहीं पंडित बिरजू महाराज बेहोश भी हो गए। इसके बाद आनन-फानन में उन्हें दिल्ली के साकेत अस्पताल लाया गया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
हालांकि पिछले काफ वक्त से पंडित बिरजू महाराज बीमार चल रहे थे और किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। इस वजह से उनको डायलिसिस कराना पड़ता था लेकिन कल उनको हार्ट अटैक पड़ा और उनका निधन हो गया।
जन्म से लेकर मृत्यु तक की कहानी रोचक है
बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ के ‘कालका-बिन्दादीन घराने’ में हुआ था। बहुत कम लोगों को पता हैै कि उनका नाम पहले दुखहरण लेकिन बाद में इसको बदलकर बृजमोहन नाथ मिश्रा कर दिया गया। उनके पिता जगन्नाथ महाराज था, जो ‘लखनऊ घराने’ से थे और वे अच्छन महाराज के नाम से जाने जाते थे।
बिरजू महाराज जिस अस्पताल में जन्म लिए थे उस दिन वहां केवल उनको छोड़ लड़कियों का जन्म हुआ था। इस वजह से उनका नाम बृजमोहन रख दिया गया और बाद में ‘बिरजू’ और फिर ‘बिरजू महाराज’ हो गया।