जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर भले ही कमजोर पड़ गई है लेकिन देश में तीसरी लहर का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में लोगों से सावधानियां बरतने के लिए कहा जा रहा है।
कोरोना से बचने के लिए लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगायी जा रही है। लोगों को इंजेक्शन के जरिए वैक्सीन दी जा रही है लेकिन आने वाले समय में इंजेक्शन के बजाये टैबलेट और इनहेलर के रूप में भी लोगों को वैक्सीन दी जा सकती है।
मीडिया रिपोर्ट की माने तो स्वीडन के सबसे बड़े साइंस पार्क ने इन्जेमो एंडरसन के नेतृत्व इसको लेकर काम कर रही है। आने वाले समय में टैबलेट और इनहेलर के रूप में वैक्सीन दी जा सकती है।
साइंस पार्क ने इन्जेमो एंडरसन एक प्लास्टिक का एक ऐसा स्लिम इनहेलर बना रही हैं। इसके साथ जो देखने में डिब्बी से भी आधा है।
एंडरसन और उनकी टीम इस पर कड़ी मेहनत कर रही है उसे पूरी उम्मीद है कि बहुत जल्द एक ऐसे इनहेलर को बना लिया जायेगा जो कोरोना से लडऩे में मजबूत हथियार साबित हो सकता है।
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जानकारी के मुताबिक इस इनहेलर के माध्यम से एक पाउडर के रूप में होगा और लोग इसे आसानी से घर ले जा सकेंगे। इतना ही नहीं ये बहुत सस्ती और आसानी में मिल जाने वाली तकनीक होगी। जैसे लोग अस्थमा के मरीज प्रयोग करते हैं वैसे ही इसको भी आसानी से प्रयोग किया जा सकता है।
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साइंस पार्क ने इन्जेमो एंडरसन की टीम की माने तो इस पर लगी एक छोटी से प्लास्टिक स्लिप को हटाइए और ये इनहेलर एक्टिवेट हो जाएगा। इसके बाद इसे मुंह से लगाइए और सांस लीजिए. ये इनहेलर वैक्सीन नाक से लेकर फेफड़ों तक अपना असर दिखाएगी।