जुबिली स्पेशल डेस्क
चीन से निकला कोरोना वायरस लगातार भारत में तबाही मचा रहा है। आलम तो यह है कि कोरोना की वजह से भारत को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इतना ही नहीं लोगों के रोजगार पर संकट गहराता जा रहा है। सरकार भले ही इस संकट से बाहर निकलने का दावा कर रही है लेकिन आम आदमी जहां कोरोना से डरा हुआ है साथ में उसकी रोजी-रोटी भी खत्म होती दिख रही है।
कोरोना के बीच कई उद्योग-धंधे बंद हो गए है जो चल भी रहे वो भी अंतिम सांसे गिन रहे हैं। बेरोजगारी के आंकड़े कोरोना काल में इतने बढ़ गए है कि उसे बताया भी नहीं जा सकता है लेकिन जीडीपी को लेकर कोरोना संकट के बीच अच्छी खबर आ रही है।
दरअसल लो बेस इफेक्ट के कारण जून 2021 तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 20.1% रही। सरकार से मिली जानकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों ने पिछले तीन दशक के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। GDP किसी भी देश की एक अर्थव्यवस्था के आर्थिक प्रदर्शन का एक बुनियादी माप है।
जानकारी के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में रिकॉर्ड जीडीपी ग्रोथ रेट रिकॉर्ड 20.1 प्रतिशत बताया जा रहा है। ऐसे में 1990 से लेकर अब तक की यह किसी एक तिमाही में आई सबसे बड़ी ग्रोथ मानी जा रही है।
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हालांकि इससे पहले क्या आंकड़े है, इसकी कोई ठोस जानकारी नहीं है लेकिन मौजूदा जीडीपी में तेज रिकवरी से एक बार फिर देश के आर्थिक हालात सुधर सकते हैं और इकोनॉमी की गाड़ी पटरी पर लौटने के आसार बढ़ जरूर गए है।
कोरोना ने पहुंचाया था नुकसान
बता दें कि कोरोना संकट की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई थी और वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई थी।
इसके बाद दूसरी तिमाही और झटका तब लगा जब जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट आई। वहीं तीसरी तिमाही में 0.4 प्रतिशत जीडीपी रही है। जबकि चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी ग्रोथ रेट 1.6 फीसदी दर्ज की गई. इस तरह से वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट -7.3 प्रतिशत फीसदी रही।