Tuesday - 29 October 2024 - 5:16 PM

‘ये प्लेटफॉर्म 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की शुरुआत है’

जुबिली न्यूज़ डेस्क

ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन और कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक नए खास प्लेटफॉर्म की शुरुआत की। इस प्लेटफॉर्म का नाम ‘ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ दिया गया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये प्लेटफॉर्म 21वीं सदी के टैक्स सिस्टम की शुरुआत है, जिसमें फेसलैस असेसमेंट-अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म हैं।

बताया जा रहा है कि पीएम मोदी के इस नए प्रोग्राम का मुख्य फोकस इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स यानी व्यक्तिगत आयकरदाताओं पर होगा। इसमें ईमानदार टैक्सपेयर्स को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। पीएम के साथ इस कॉन्फ्रेंसिंग में इनकम टैक्स के सभी प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर और चीफ कमिश्नर मौजूद रहेंगे। सीतारमण और अनुराग ठाकुर भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।

पीएम ने दी जानकारी

प्रधानमंत्री मोदी ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘गुरुवार सुबह 11 बजे ‘ट्रांसपैरेंट टैक्सेशन: ऑनरिंग द ऑनेस्ट’ प्लेटफॉर्म की शुरुआत होगी। यह कर प्रणाली में सुधार और सरलीकरण की दिशा में हमारे प्रयासों को मजबूत करेगा। इससे बहुत से ईमानदार टैक्सपेयर्स को फायदा होगा जिनके कड़े परिश्रम की वजह से देश प्रगति कर रहा है।’

पिछले साल टैक्‍स रिफॉर्म्‍स में किये गये बदलाव

पिछले साल टैक्‍स रिफॉर्म्‍स में कॉरपोरेट टैक्‍स की दर को 30 फीसदी से घटाकर 22 फीसदी कर दिया गया था। इसके अलावा नई मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट्स के लिए कॉरपोरेट टैक्‍स की दर 15 फीसदी की गई थी। साथ ही डिबिडेंड डिस्‍ट्रीब्‍यूशन टैक्‍स हटाना और अधिकारी व करदाता का आमना-सामना हुए बिना कर आकलन शामिल हैं।

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करदाताओं के लिए अनुपालन को पहले से और आसान बनाने के लिए आयकर विभाग अब पहले से ही भरे हुए आयकर रिटर्न फॉर्म पेश करने लगा है, ताकि व्यक्तिगत करदाताओं के लिए अनुपालन आसान बनाया जा सके।

स्टार्टअप्स के लिए भी अनुपालन मानदंडों को सरल किया गया है। साथ ही लंबित कर विवादों का समाधान करने के लिए आयकर विभाग ने प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास अधिनियम भी पेश किया है। इसके अधिनियम के तहत वर्तमान में विवादों को निपटाने के लिए घोषणाएं दाखिल की जा रही हैं।

कोरोना काल के बीच उठाए गए ये कदम

कोरोना काल के दौरान करदाताओं की शिकायतों और मुकदमों में तेजी से कमी लाने के लिए विभिन्‍न अपीलीय न्यायालयों में विभागीय अपील दाखिल करने के लिए शुरुआती मौद्रिक सीमाएं को बढ़ा दिया गया है। इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से डिजिटल लेनदेन और भुगतान को बढ़ावा देने के लिए भी कई उपाय किए गए हैं।

इसके अलावा आयकर विभाग ने कोरोना संकट के बीच इनकम टैक्‍स रिटर्न दाखिल करने की अवधि को भी बढ़ा दिया है। वहीं, तेजी से इनकम टैक्‍स रिफंड जारी किए हैं।

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