जुबिली स्पेशल डेस्क
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर देखने को मिल रहा है। चीन से निकले कोरोना वायरस ने पहले यूरोप के देशों में तबाही मचायी। उसके बाद ईरान में भी कोरोना ने अपनी जड़े मजबूत की। हालांकि ईरान में कोरोना अब काबू में है लेकिन अमेरिका में कोरोना पहले से ज्यादा खतरनाक हो चुका है।
दुनिया का सुपर पॉवर भी कोरोना के आगे बेबस नजर आ रहा है। आलम तो यह है कि कोरोना की वजह से अमेरिका की कमर टूट गई है। दूसरी ओर कोरोना का कहर भारत में भी खूब देखने को मिल रहा है। भारत में कोरोना खतरनाक हो चुका है।
जानकारी के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटे में देश में अब तक के सबसे ज्यादा 32 हजार 695 नए मामले सामने आए। वहीं, 606 लोगों की मौत हुई है…
इसी के साथ भारत में संक्रमितों की संख्या 9 लाख 68 हजार 876 पर पहुंच गई। साथ ही कोरोना से मरने वालों की संख्या अब 24 हजार 915 हो गई है। देश में कोरोना के 3 लाख 31 हजार 146 एक्टिव केस हैं…
कोरोना की दवा और वैक्सीन को लेकर दुनिया के तमात देश अपने-अपने दावे कर रहे हैं। हालांकि कुछ देश वैक्सीन बनाने के बेहद करीब पहुंच गए है। भारत में वैक्सीन को तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है लेकिन रूस ने आखिरकार कोरोना की वैक्सीन तैयार कर ली है।
इतना ही नहीं विश्व की पहली वैक्सीन अगस्त में लांच होने की बात भी सामने आ रही है। इसके साथ ही रूस कोरोना वैक्सीन की 3 करोड़ खुराक बनाने की तैयारी में है। रूस ने वो कर दिखाया है जो दुनिया के अन्य देश नहीं कर सके हैं। रूस ने पिछले दिनों दावा किया था कि उसने कोरोना वायरस का वैक्सीन बनाने की दिशा में मानव परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा किया है। यही कारण है कि अन्य देशों की तुलना में इस दौड़ में रूस सबसे आगे निकल गया है।
यह भी पढ़ें : रेखा ने कोरोना टेस्ट कराने से क्यों किया इनकार ?
यह भी पढ़ें : …जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर पहुंचा कोरोना
कहा जा रहा है कि रूस एक करोड़ 70 लाख विदेशों में निर्माण करने की क्षमता है। गैमेलेई नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग की माने तो यह वैक्सीन 12 से 14 अगस्त के बीच लांच होगी और लोगों को दी जाने लगेगी..
मॉस्को टाइम्स में छपी खबर के अनुसार निजी कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर सितंबर से इसका उत्पादन शुरू करने की तैयारी में है…
ये भी पढ़े: सिंगापुर की मंदी दे रही है वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी खतरनाक संकेत
ये भी पढ़े: जमीन के बाद अब इतिहास पर नेपाल की दावेदारी
यदि रूस के दावों में सच्चाई है तो ये पूरी दुनिया के लिए राहत देने वाली खबर है। कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही दुनिया के ज्यादातर देशों के लिए यह खबर राहत देने वाला है।
कोरोना वायरस के करीब सात महीने लंबे प्रकोप के बाद रूस ने यह दावा किया है कि ‘उनके वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन बना ली है। यदि रूस के दावों में सच्चाई है तो ये पूरी दुनिया के लिए राहत देने वाली खबर है। कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही दुनिया के ज्यादातर देशों के लिए यह खबर राहत देने वाला है।
ये भी पढ़े: दुनिया के करोड़पतियों ने सरकारों से की और ज्यादा टैक्स वसूलने की अपील
ये भी पढ़े: निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज की लागत निर्धारित करने पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
ये भी पढ़े: इन दिग्गज हस्तियों के ट्विटर अकाउंट हुए हैक
कोरोना वायरस के करीब सात महीने लंबे प्रकोप के बाद रूस ने यह दावा किया है कि उनके वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन बना ली है। ‘इंस्टिट्यूट फोर ट्रांसलेशनल मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी के डायरेक्टर वादिम तरासोव ने कहा है कि दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।
यह भी पढ़ें : ‘इस साल के आखिर तक अमेरिका को मिल जाएगी कोरोना वैक्सीन’
यह भी पढ़ें : एएमयू में छात्रा को धमकी देने वाले के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
कोविड-19 की कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर दिन कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में भारी बढ़ोत्तरी हो रही है। इस स्थिति को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि अगर ठोस कदम नहीं उठाया गया तो कोरोना वायरस की महामारी बद से बदतर होती जाएगी। ऐसी स्थिति में रूस से ये खबर आना उम्मीद भरी है।