जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की परतें अब खुल रही है। सपा सरकार बने लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट की जांच अब सीबीआई ने और तेज कर दी है।
दरअसल लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई ने शुक्रवार को बड़ा कदम उठाते हुए सिंचाई विभाग के तत्कालीन चीफ इंजीनियर रूप सिंह यादव को गिरफ्तार कर लिया है।
अखिलेश की सरकार जाने के बाद योगी सरकार ने रिवर फ्रंट घोटाले की जांच करने का आदेश दिया था। इसके बाद से सीबीआई लगातार इसकी जांच कर रही है।
इस मामले अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है। इतना हीं नहीं ईडी ने आठ में से पांच आरोपियों से कड़ी पूछताछ की है।
प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद एंटी करप्शन ब्रांच ने गोमतीनगर थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे को आधार बनाकर 30 नवंबर 2017 में नया मुकदमा दर्ज किया था।
इन लोगों किया गया था नामजद
सिंचाई विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता (अब सेवानिवृत्त) गुलेश चंद, एसएन शर्मा व काजिम अली, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता (अब सेवानिवृत्त) शिव मंगल यादव, अखिल रमन, कमलेश्वर सिंह व रूप सिंह यादव तथा अधिशासी अभियंता सुरेश यादव नामजद हैं। सीबीआई ने जांच शुरू की है आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है।
न्यायिक जांच भी हो चुकी है
इस पूरे मामले में प्रदेश सरकार ने अप्रैल 2017 को इस घोटाले की न्यायिक जांच कराई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति आलोक सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने जांच में दोषी पाए गए इंजीनियरों व अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने की संस्तुति की थी।
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इसके बाद 19 जून 2017 को सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता डॉ. अंबुज द्विवेदी ने गोमतीनगर थाने में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया थी। हालांकि बाद में सीबीआई को जांच सौंप दी गई थी।