जुबिली पोस्ट डेस्क
नई दिल्ली। बीते साल जनवरी माह में गोधरा ट्रेन कांड के आरोपी याकूब को गुजरात पुलिस ने 16 साल बाद गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की थी। 64 वर्षीय याकूब पटालिया को इस मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दिया गया था।
पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार याकूब के गोधरा में होने की पुख्ता सूचना मिलने के बाद कार्रवाई की गई, जिसमें उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसे एक इलाके में घूमते देखा गया था। याकूब उस भीड़ में शामिल था जिसने 27 फरवरी, 2002 को गोधरा स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस के डब्बों को आग के हवाले कर दिया था। इस दर्दनाक घटना में 59 कारसेवक मारे गए थे। इसके बाद राज्यभर में दंगे हुए थे।
याकूब के खिलाफ सितंबर, 2002 में एफआईआर दर्ज की गई थी। गिरफ्तारी के बाद उस पर धारा 307 (हत्या की कोशिश) सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा चलाया गया। एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही वह गिरफ्तारी से बच रहा था। इस मामले में याकूब के भाई कादिर पटालिया को 2015 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन मामले की सुनवाई के दौरान जेल में उसकी मौत हो गई।
अक्तूबर, 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले में 11 दोषियों की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था, जबकि अन्य 20 मुजरिमों की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था। इससे पहले निचली अदालत ने 31 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए 63 को बरी कर दिया था।