जुबिली न्यूज डेस्क
गोवा राज्य सरकार ने तहलका मैगजीन के संपादक तरूण तेजपाल के मामले में कहा है कि फिर से मुकदमा चले। इसके लिए गोवा सरकार ने तेजपाल को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील दायर की है।
गोवा सरकार ने अपनी अपील में कहा है कि इस मामले की ट्रायल कोर्ट में फिर से सुनवाई की जानी चाहिए। साथ में ये भी दलील दी गई है कि ट्रायल कोर्ट पीडि़ता की घटना के बाद के बर्ताव ठीक से समझ नहीं पाया और उसके चरित्र की निंदा कर दी।
बॉम्बे उच्च न्यायालय की गोवा बेंच के समक्ष दायर की गई अपील में निचली अदालत के फैसले के मद्देनजर इस सप्ताह कुछ बदलाव किए गए और तरुण तेजपाल की रिहाई को चुनौती देने के लिए और दलीलें जोड़ी गई हैं।
यह भी पढ़ें : दिल्ली में बाबा रामदेव के खिलाफ डॉक्टरों का विरोध-प्रदर्शन
यह भी पढ़ें : एक महीने में 17 बार बढ़ी पेट्रोल-डीजल की कीमत, बना नया रिकॉर्ड
गोवा सरकार का कहना है कि ट्रायल कोर्ट ने बचाव पक्ष के गवाह पर तो एतबार किया लेकिन अभियोजन और पीडि़ता की ओर से पेश किए गए गवाहों के साक्ष्य को खारिज कर दिया।
अपील में यह भी कहा गया है कि निचली अदालत ने इस मामले में चीख-चीख कर गवाही दे रहे उस सबूत (माफीनामा वाला ईमेल) को भी नजरअंदाज कर दिया जिससे अभियुक्त का अपराध बिना किसी संदेह के साबित होता था।
21 मई को जज क्षमा जोशी ने तरुण तेजपाल को बरी करने का फैसला सुनाया था। गोवा सरकार ने इस मामले में बाद में अपील दायर की।
संशोधित अपील पर अब दो जून को सुनवाई होनी है। राज्य सरकार ने अपनी अपील में कहा है कि ट्रायल कोर्ट ये बात भूल गया कि इस मामले के अभियुक्त तरुण तेजपाल थे न कि पीड़िता ।
यह भी पढ़ें : …तो क्या इस बारिश में डूब जायेगी नीतीश सरकार की नाव
यह भी पढ़ें : ब्लैक फंगस महामारी को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से पूछा सवाल
मालूम हो कि तहलका मैगजीन के मुख्य संपादक तरुण तेजपाल पर नवंबर, 2013 में एक इवेंट के दौरान गोवा के एक फाइव स्टार होटल की लिफ्ट में अपनी महिला सहकर्मी पर यौन हमला करने का आरोप लगाया गया था।
निचली अदालत ने अपने फैसले में महिला के आचरण पर सवाल उठाते हुए कहा कि यौन हमलों के मामले में किसी पीडि़ता का जैसा बर्ताव होना चाहिए था, इस पीडि़ता ने वैसा सामान्य बर्ताव नहीं दिखलाया।
गोवा सरकार ने इस मामले में बाद में अपील दायर की। संशोधित अपील पर अब दो जून को सुनवाई होनी है। गोवा सरकार ने अपनी अपील में कहा है कि ट्रायल कोर्ट ये बात भूल गया कि इस मामले के अभियुक्त तरुण तेजपाल थे न कि पीड़िता।
यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र : सिर्फ एक जिले में मई में 9 हजार बच्चे हुए कोरोना संक्रमित
यह भी पढ़ें : इस मासूम बच्ची ने आखिर किस बात की PM मोदी से की शिकायत, देखें क्यूट VIDEO