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भुखमरी सूचकांक ने कुरेद दिए जख्म, नेपाल-बांग्लादेश व PAK से भी गए पिछड़

जुबिली स्पेशल डेस्क

भारत में गरीबी और बेरोजगारी दोनों चरम पर है। कोरोना काल में हालात बेकाबू हो गए है। आलम तो यह है कि लोगों को अपनी जिंदगी बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

आर्थिक हालात खराब हो चुके हैं। ऐसे में सरकार इसे आगे निकलने का दावा करे लेकिन भारत वैश्विक भूख सूचकांक में 107 देशों की सूची में 94वें स्थान पर है और भूख की गंभीर श्रेणी में है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भुखमरी के मामले में 107 मुल्कों में भारत को 94वें स्थान पर रखा गया है। जीएचआई की वेबसाइट पर शुक्रवार को यह जानकारी दी गयी है। इतना ही नहीं रिपोर्ट के अनुसार भारत की 14 फीसदी आबादी कुपोषण की शिकार है।

इसको लेकर राहुल गांधी ने भी सरकार पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने शनिवार को अपने ट्वीट में लिखा,भारत का गऱीब भूखा है क्योंकि सरकार सिर्फ़ अपने कुछ ख़ास ‘मित्रों की जेबें भरने में लगी है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में कहा गया है कि भारत में भुखमरी और कुपोषण का ये आलम है कि हिन्दुस्तान अपने कदरन छोटे पड़ोसी मुल्कों नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भी पिछड़ा हुआ है। 107 मुल्कों की इस सूची में भारत 94वें स्थान पर है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत भुखमरी के ऐसे स्तर से जूझ रहा है, जिसे गंभीर माना जाता है।

रिपोर्ट में कहा गया है

बांग्लादेश, भारत, नेपाल और पाकिस्तान के 1991 से 2014 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि कुपोषण के शिकार ज्यादातर वे बच्चे हैं, जिनके परिवार कमजोर खुराक, मां का कम पढ़ी-लिखी होना और गरीबी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।

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इन सालों के दौरान भारत में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की ट्रॉमा, इंफेक्शन, न्यूमोनिया और डायरिया से मौत की दर (मोर्टेलिटी रेट) में कमी आई है। हालांकि, प्री-मैच्योरिटी और कम वजन की वजह से गरीब राज्यों और ग्रामीण इलाकों में मोर्टेलिटी में इजाफा हुआ है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में ऐसे बदल रही है सूची

  • 2014 में 55वें स्थान पर था
  • 2019 में पहुंच गया 102वें स्थान पर
  • वर्ष 2014 में भारत 76 मुल्कों की लिस्ट में 55वें नम्बर पर था
  • वर्ष 2017 में बनी 119 मुल्कों की फेहरिस्त में 100वां पायदान पर था 
  • वर्ष 2018 में वह 119 देशों की सूची में 103वें स्थान पर रहा था

अहम बात यह है कि भारत के पड़ोसी बांग्लादेश 75वें, म्यामां 78वें और पाकिस्तान 88वें स्थान पर हैं। रिपोर्ट की माने तो नेपाल 73वें और श्रीलंका 64वें स्थान पर हपुंच गए है। रिपोर्ट में मध्यम श्रेणी भी आती है।

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इस श्रेणी में नेपाल और श्रीलंका आते हैं। चीन, बेलारूस, यूक्रेन, तुर्की, क्यूबा और कुवैत सहित 17 देश भूख और कुपोषण पर नजर रखने वाले वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) में शीर्ष रैंक पर हैं।

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