स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी राज चल रहा है लेकिन सूबे की बीजेपी की सरकार महिलाओं व बच्चियों पर हो रहे यौंन हिंसा को रोकने में नाकाम रही है। हालांकि यूपी में कानून का राज होने की बाद करने वाली बीजेपी सरकार महिलाओं के खिलाफ हो रही दिल दहलाने वाली घटनाओं को रोकने में विफल रही है। यूपी में कानून व्यवस्था दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है।
आलम तो यह है कि अपराधियों का हौंसला बुलंद हो गया है इतने बुलंद हो चुके हैं कि सरेआम महिलाओं की इज्जत को तार-तार किया जाता है और यूपी पुलिस इन दरिंदों के आगे बेबस है।
इतना ही नहीं बीते एक सप्ताह इन दरिंदों ने एक नहीं चार-चार मासूमों को हवस का शिकार बनाकर उनकी हत्या कर दी है। ऐसे में यूपी सरकार के दावे केवल हवा-हवाई लग रहे हैं और महिलाओं की सुरक्षा के दावों में कोई सच्चाई नहीं है।
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पिछले 1 सप्ताह में 5 महीने से लेकर 9 साल की चार बच्चियों के साथ इस तरह की हैवानियत की गई। दूसरी ओर रेप, हत्या, गैंगरेप, अपहरण की घटना अचानक से बढ़ गई है लेकिन योगी सरकार अभी तक नींद से जागी नहीं है।
हालांकि मौके-मौके पर योगी सरकार कानून का राज स्थापित करने की बात करती है। गौरतलब हो कि सरकार के बनते ही छेडख़ानी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए एंटी रोमियो सेल बनायी गई थी, लेकिन ये काम नहीं आया।
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जानकारी के मुताबिक 17 से 19 फरवरी के बीच चार बच्चियों के साथ रेप की शर्मनाक घटना घटी है और कुछ मामलों में हत्या तक कर दी गई है लेकिन योगी सरकार ने इस पर चुप्पी साध रखी है।
17 फरवरी को 5 महीने की बच्ची के साथ हैवानियत की गई। उसके साथ रेप करने वाला कोई और नहीं था बल्कि उसका चचेरा भाई था। बच्ची का पहले रेप किया गया और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गर्ई।
यह घटना यूपी की राजधानी लखनऊ में हुई। बच्ची बेहोश की हालत में फैजुल्लागंज इलाके के एक खाली प्लाट मिली और बाद में उसकी मौत हो गई।
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इसके ठीक अगले दिन यानी 18 फरवरी को अमरोहा में एक छात्रा के साथ दुष्कर्म किया गया है। यूपी के अमरोहा जिले में रेप का एक शर्मनाक मामला सामने आया था।
जहां शिक्षा के मंदिर में स्कूल प्रबंधक के बेटे ने नाबालिग छात्रा के साथ बलात्कार किया है। आरोपी का इतने से भी मन नहीं भरा तो पीडि़ता का हाथ धारदार हथियार से काटकर घायल कर दिया और स्कूल के कमरे में बंद कर फरार हो गया।
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पीडि़तों को न्याय दिलाने का दम भरने वाली यूपी पुलिस मामले में लीपापोती कर रही है। आरोपी को गिरफ्तार करने की बजाए पीडि़तों को ही धमका रही है। पीडि़ता की मां और पीडि़ता ने आरोप लगाया है कि पुलिस दबाव बना रही है कि अगर कोई भी उनसे कुछ पूछे तो बता देना कि उनके साथ कुछ नहीं हुआ है।
स्कूल प्रबंधक के बेटे की करतूत का मामला सामने आने पर समाज के ठेकेदारों और डिडोली पुलिस ने गरीब नाबालिग छात्रा की आबरू की कीमत 62 हजार में लगाकर उसकी आवाज दबा दी। हालांकि पीडि़ता की तहरीर पर स्कूल प्रबंधक के आरोपी बेटे मोहम्मद कामरान के खिलाफ दुष्कर्म और किशोरी को बंधक बनाने की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।
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मेरठ में भी इसी दिन यानी 18 फरवरी को टॉफी का लालच देकर 4 साल की बच्ची के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया गया था। पूरा मामला मेरठ के कौडियागंज का बताया जा रहा है।
आरोपी ने बच्ची को टॉफी के बहाने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस ने फौरन आरोपी को दबोच लिया और जांच कर रही है।
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19 फरवरी को लखीमपुर खीरी में खेत गई बच्ची को पहले हवस का शिकार बनाया गया और बाद में उसे मौत की नींद सुला दी गई। बच्ची कक्षा 4 की छात्रा थी और खेत में खेल रही थी लेकिन तभी उसके साथ इस तरह की शर्मनाक घटना हुई है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को पकडऩे और एक्शन लेने की बात कही थी लेकिन अभी तक कुछ भी सामने नहीं आया है।