25 मीटर एयर पिस्टल रैपिड फायर की गोल्ड मेडल विजेता :अभिदन्या अशोक पाटिल… मेरे एजेंडे में इंटरनेशनल गेम्स था, इसलिए खेलो इंडिया में गोल्ड मेडल जीत लिया मेरी नजर फ्रांस का कैम्प और एशियन गेम्स है
जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ /गौतम बुद्ध नगर/नई दिल्ली। । कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में चल रहे “खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स , उत्तर प्रदेश 2022” में 25 मीटर एयर पिस्टल रैपिड फायर में गोल्ड मेडल जीतने वाली अभिदन्या अशोक पाटिल “भारतीय विद्यापीठ” पुणे का प्रतिनिधित्व कर रही है।
पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में हिस्सा ले रही अभिदन्या अशोक पाटिल गोल्ड मेडल मिलने पर बहुत खुश हैं लेकिन वह मानती है कि उनके एजेंडे में यह गेम नही था।
वह इंटरनेशनल गेम्स को ध्यान में रखकर अपनी तैयारी कर रही थीं जिसकी वजह से खेलो इंडिया का यह गेम थोड़ा आसान हो गया। वैसे यह मानती है कि कोई भी गेम्स आसान नही है और न ही कोई प्रतियोगिता। हर कम्पटीशन मेहनत मांगता है और मै उसी के हिसाब से अपनी तैयारी करती हूं। वह अपनी प्रतिद्वंद्वी को कभी भी कमतर नहीं आंकती है, जो उनकी सफलता का मूल मंत्र है।
माता पिता दोनों ही टीचर है इसलिए पढ़ाई लिखाई की ओर भी उनका उतना ही लगाव है जितना खेलो में। वह एमबीए कर रही है। अभिदन्या अशोक पाटिल के अनुसार उन्होंने 2014-15 में उन्होंने स्पोर्ट्स की ओर रुख किया और वह ताइक्वांडो में ब्लैक बेल्ट होल्डर है। फिर वह ताइक्वांडो से निशानेबाजी को ओर कैसे मुड़ी? इस सवाल पर वह एक गहरी सांस लेते हुए बताती है कि निशानेबाजी “फेयर ” गेम है । मेरे हिसाब से ।
इसलिए मैं निशानेबाजी की ओर आ गई। उनकी माँ स्पोर्ट्स की टीचर है, इसलिए उन्हें देख कर उन्होंने स्पोर्ट्स खेलना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने जब स्कूल में हिस्सा लिया और वहां व्यक्तिगत श्रेणी और टीम श्रेणी में उनके खेल को नोटिस किया गया तो उन्होंने खेलो में हाथ आजमाना शुरू कर दिया और आज उनकी झोली में गोल्ड मेडल है।
उन्होंने कहा कि लड़कियां ज्यादा जिद्दी होती है इसलिए वह अपने “गोल” को हर हाल में अचीव कर लेती है। लड़कियों के साथ यह एक अच्छी बात है। हमने देखा है कि पहले की तुलना में अब लड़कियां ज्यादा “कम्पीट” (सफल) कर रही है।
वह खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स बहुत अच्छा प्लेटफार्म है और यहां के इन्तजाम को देखकर मैं उम्मीद करती हूं कि भविष्य में भी ऐसे आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार कराएगी।