न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ की एक फास्ट ट्रैक अदालत ने एक लड़की को कुकर्म करने के मामले में 10 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने लड़की को नाबालिग लड़की के साथ अप्राकृतिक यौन शोषण का दोषी पाया।
देश में इस तरह का शायद ये पहला मामला सामने आया है, जिसमें सजा भी हुई है। आरोपी युवती को नाबालिग युवती के साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोप साबित होने पर कठोर सजा सुनाई है।
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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कोर्ट ने एक युवती को रेप के आरोप में 10 साल कैद की सजा सुनाई गई है। युवती पर नाबालिग किशोरी का अपहरण कर अप्राकृतिक कृत्य करने का आरोप था।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में लगातार चली सुनवाई और तथ्यों के आधार पर आरोप सिद्ध हो गया। विशेष लोक अभियोजक मोरिशा नायडू ने जानकारी देते हुए बताया कि स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार ने आरोपी को दोषी पाते हुए खिलाफ धारा 363 और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 की धारा 6 के तहत 10 साल की सजा सुनाई।
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कोर्ट ने 5500 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। रायपुर के गुढ़ियारी थाना क्षेत्र में रहने वाली किशोरी का 28 जून 2017 को खमतराई की रहने वाली युवती रानू सेन ने बहला-फुसलाकर अपहरण कर लिया था।
नाबालिग को युवती ने दुर्ग जिले के पुलगांव थाना क्षेत्र के भेड़ेसर गांव में रखा था। इस दौरान उसके साथ लगातार अप्राकृतिक कृत्य किए।किशोरी के पिता की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की और किशोरी को बरामद कर आरोपी युवती रानू सेन को भी गिरफ्तार किया।
बताया गया कि घटना के दिन 28 जून 2018 की दोपहर करीब ढाई बजे किशोरी घर से मौसी के घर जाने के लिए निकली थी, लेकिन काफी देर बाद भी न तो वो अपने मौसी के घर पहुंची न ही घर वापस लौटी। इसके बाद किशोरी के पिता ने गुढ़ियारी पुलिस थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने जांच शुरू की और किशोरी को बरामद किया। किशोरी के बयान के बाद उसका मेडिकल कराया गया, जिसमें दुष्कर्म किए जाने की पुष्टि हुई। किशोरी के बयान और अन्य रिपोर्ट के आधार पर आरोप साबित हुआ और एक युवती को दूसरी युवती के साथ अप्राकृतिक यौनाचार के अपराध में सजा मिली।
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