मशहूर नाटककार, अभिनेता और कवि गिरीश कर्नाड का लम्बी बीमारी के बाद आज 81 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन की वजह ‘कि मल्टीपल ऑर्गेन’ का फेल होना बताया जा रहा है। वो 10 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके हैं और दक्षिण भारतीय रंगमंच और फिल्मों का पितामह माना जाता था।
वो बॉलीवुड में आखिरी बार ‘टाइगर जिंदा है’ में अभिनेता सलमान खान के साथ नज़र आए थे। इस फिल्म में गिरीश कर्नाड की नाक पर एक ट्यूब लगी थी। फिल्म में दिखाया गया था कि RAW चीफ के रुप में उनका किरदार काफी बीमार है। लेकिन वो असल ज़िंदगी में बीमार थे और नाक में लगी इस नली के ज़रिए उन्हें ज़रुरी दवा व खाना दिया जा रहा था।
गिरीश कर्नाड का जन्म 19 मई, 1938 माथेरान, महाराष्ट्र में हुआ। भारत के जाने- माने समकालीन लेखक, अभिनेता, फिल्म निर्देशक और नाटककार थे । कन्नड़ और अंग्रेजी भाषा दोनों में इनकी लेखनी समानाधिकार से चलती है।
गिरीश कर्नाड को 1978 में आई फिल्म भूमिका के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था। उन्हें 1998 में साहित्य के प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ अवॉर्ड से नवाजा गया था।गिरीश कर्नाड ऐसे अभिनेता हैं, जिन्होंने कर्मशिल सिनेमा के साथ समानांतर सिनेमा के लिए भी जमकर काम किया।
एक कोंकणी भाषी परिवार में जन्मे कर्नाड ने 1958 में धारवाड़ स्थित कर्नाटक विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि ली। इसके पश्चात वह एक रोड्स स्कॉलर के रूप में इंग्लैंड चले गए जहां उन्होंने ऑक्सफोर्ड के लिंकॉन तथा मॅगडेलन महाविद्यालयों से दर्शनशास्त्र, राजनीति शास्त्र और अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।
कर्नाड द्वारा रचित तुगलक व ययाति जैसे नाटक अत्यंत लोकप्रिय हुए और भारत की अनेकों भाषाओं में इनका अनुवाद व मंचन हुआ है।वंशवृक्ष नामक कन्नड़ फिल्म से इन्होंने निर्देशन की दुनिया में कदम रखा। इसके बाद इन्होंने कई कन्नड़ तथा हिंदी फिल्मों का निर्देशन तथा अभिनय भी किया।
पुरस्कार तथा उपाधियां
1972 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
1974 में पद्मश्री
1992 में पद्मभूषण तथा कन्नड़ साहित्य अकादमी पुरस्कार
1994 में साहित्य अकादमी पुरस्कार
1998 में ज्ञानपीठ पुरस्कार
1980 में फिल्मफेयर पुरस्कार