न्यूज़ डेस्क
देशभर के सभी पत्रकारों के लिए बड़ी खुशखबरी है। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ को मजबूती प्रदान करते हुए केंद्र सरकार ने ‘पत्रकार वेलफेयर स्कीम’ में संशोधन किया है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पत्रकारों के कल्याण के लिए इस स्कीम को फरवरी 2013 में लागू किया था। अब इसमें संशोधन किया गया है, जिसका फायदा सभी जर्नलिस्ट्स ले सकेंगे।
‘पत्रकार वेलफेयर स्कीम’ में किया संशोधन
किसी पत्रकार का निधन होता है या फिर वह विकलांग हो जाता है, तो उसके आश्रितों को केंद्र सरकार पांच लाख रुपए की सहायता देगी। वहीं इलाज के लिए भी सरकार की ओर से पांच लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।
इसके लिए एक समिति का गठन भी किया गया है, इस समिति के संरक्षक केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री होंगे। वहीं विभाग के सचिव अध्यक्ष, प्रधान महानिदेशक, एएस एंड एएफ, संयुक्त सचिव समिति के सदस्य होंगे। वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उप सचिव अथवा निदेशक सदस्य संयोजक हैं।
इस समिति का काम होगा कि ये पीड़ित पत्रकार या फिर उनके परिजनों के आवेदन पर विचार करें और उसके अनुसार आर्थिक सहायता देने का फैसला लें। इस योजना के तहत एक अच्छी बात यह है कि इसमें केंद्र या राज्य सरकार से अधिस्वीकृत पत्रकार होने का कोई बंधन नहीं है।
यह योजना के तहत पत्रकारों से सम्बंधित 1955 के एक अधिनियम ‘Working Journalists and other Newspaper Employes And Miscellaneous Provision Act 1955’ के तहत पत्रकार की श्रेणी में आने वाले देशभर के जर्नलिस्ट्स पर लागू किया गया है।
वेब और टीवी जर्नलिस्ट्स को भी होगा लाभ
इस योजना का लाभ टेलीविजन और वेब जर्नलिस्ट्स भी ले सकेंगे। न्यूज पेपर्स के बाद टेलीविजन जगत में क्रांति आई और टीवी न्यूज चैनल्स की शुरुआत हुई, वहीं, अब वेब जर्नलिज्म का जमाना आ गया है। वेब पर भी पत्रकारिता की जा रही है।
इसके साथ ही सभी न्यूजपेपर्स के एडिटर, सब एडिटर, रिपोर्टर, फोटोग्राफर, कैमरामैन, फोटो जर्नलिस्ट, फ्रीलांस जर्नलिस्ट, अंशकालिक संवाददाता और उन पर आश्रित परिजनों को भी स्कीम के दायरे में रखा गया है।
ये है शर्त
इसका लाभ लेने की शर्त यह है कि कम से कम 5 साल तक पत्रकार के रूप में सेवाएं दी गई हों। स्कीम के तहत यह जानकारी भी दी गई है कि एक से पांच लाख की सहायता किन परिस्थितियों में पीड़ित पत्रकार या उनके परिजनों को दी जाएगी।