जुबिली न्यूज डेस्क
कांग्रेस से अलग होने के बाद गुलाम नबी आजाद आए दिन चर्चा में बने रहते है। फिलहाल आजाद जम्मू-कश्मीर में नई पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे है। आजाद को आतंकवादी संगठन से धमकी मिली है। खबरों कि माने तो इससे जुड़े पोस्टर भी जारी किए गए हैं। साथ ही इनमें आजाद की हालिया सियासी गतिविधियों को सुनियोजित बताया जा रहा है। आजाद ने अगस्त में कांग्रेस के साथ अपने 5 दशक से ज्यादा लंबे सफर पर विराम लगा दिया था। इसके बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक रूप से सक्रिय होने की बात कही थी।
‘गद्दार के दिल में कोई वफादारी नहीं होती
बता दे कि लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े समूह रेसिसटेंस फ्रंट टेरर ने आजाद को धमकी दी है। खास बात है कि आजाद मिशन कश्मीर के हिस्से के रूप में रैलियां निकालने जा रहे हैं। इससे पहले उन्हें ये धमकियां मिली हैं। आतंकवादियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पोस्टर भी जारी किए हैं। पोस्टर में लिखा गया है, ‘गद्दार के दिल में कोई वफादारी नहीं होती, केवल भरोसेमंद दिखाने का झूठा नाटक होता है।’ पोस्टर के जरिए आजाद को ‘राजनीतिक गिरगिट’ बताया गया है। साथ ही पोस्टर के जरिए यह भी दावा किया गया है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी।
अनुच्छेद 370 पर की थी बात
रविवार को भी जम्मू में एक राजनीतिक रैली के दौरान उन्होंने कहा था, ‘मैं आर्टिकल 370 को हटाने को लेकर लोगों को गुमराह नहीं करूंगा। आर्टिकल 370 हटाने के लिए संसद में दो तिहाई बहुमत की जरूरत है। मुझे मेरे जीवन में कांग्रेस 350-360 सीटें लाती नहीं दिख रही है।
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