स्पेशल डेस्क
लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून सीएए, एनआरसी और एनपीआर ये तीन शब्द कुछ लोगों को अखर रहे हैं। आलम तो यह है कि इन तीन शब्दों ने अब सरकार की भी नींद उड़ाकर रख दी है।
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राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून पर हो रहा प्रदर्शन लगातार तेज हो रहा है। उसी की तर्ज पर लखनऊ के घंटाघर में भी प्रदर्शन चरम पर पहुंच गया है।
लखनऊ में जारी है प्रदर्शन
नौ दिनों से चला आ रहा प्रदर्शन अब उग्र रूप लेता नजर आ रहा है। प्रदर्शन में जान फूंकने के लिए शुक्रवार को सैकड़ों लोगों ने घंटाघर के चारों ओर घूम-घूम कर जुलूस निकाला था।
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इसके बाद से पुलिस एक्शन में नजर आ रही है। योगी सरकार इस प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए पूरा जोर लगा रही है। इतना ही नहीं इस प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने अब बल प्रयोग करना शुरू कर दिया है। स्थानीय लोगों ने इस प्रदर्शन को लेकर पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया है।
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पुलिस के एक्शन पर स्थानीय लोग खफा
स्थानीय लोगों ने कहा कि पुलिस उनके प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए लाठी का इस्तेमाल कर रही है। इतना ही नहीं स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन उनके शाङ्क्षतपूर्ण प्रदर्शन को बंद करने के लिए धमकी दे रहा है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि पुलिस ने उन्हें पटककर मारने की धमकी दी है।
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पुलिस ने घेराबंदी करके प्रदर्शन को रोका
शनिवार के दिन में भारी संख्या में पुलिस वालों ने घेराबंदी कर प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की है। इसी के तहत पुलिस ने छात्र नेता पूजा शुक्ला समेत सात लोगों को हिरासत में ले लिया है।
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इसके बाद हुसैनाबाद स्थित घंटाघर में एकदम से माहौल पलट गया। लोग शान्ति पूर्वक वहां पर प्रदर्शन कर रहे थे तो एकाएक सुबह वहां पुलिस आ धमकी और प्रदर्शन कर रही 7 महिलाओं समेत 3 दर्जन से ज्यादा लोगों को अपने साथ लेकर चली गई। इसके बाद लगातार वहां का माहौल एकदम से गर्म हो गया है। प्रदर्शन करने वाली महिलाओंं ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
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ये हुए गिरफ्तार
पुलिस ने घंटाघर पर जाम लगाने और धारा 144 के उल्लंघन के मामले में बड़ा कदम उठाते हुए मामला दर्ज कर लिया है और ठाकुरगंज थाने में 10 नामजद और 100 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात भी सामने आ रही है। इस प्रदर्शन में महिलाओं के साथ उनके छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं।