जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में कड़ाके की ठंड जारी है। मौसम विभाग की मानें तो इस बार सर्दी अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ने जा रही है। आने वाले समय में उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है और ज्यादा शीत लहर चल सकती हैं।
आईएमडी ने दिसंबर से फरवरी के लिए अपने सर्दियों के पूर्वानुमान में कहा कि उत्तर और मध्य भारत में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि इस मौसम में अधिक कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना है। रात का तापमान सामान्य से कम रह सकता है, वहीं दिन का तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।
ये भी पढ़े: अपने घर में मृत पाई गईं बाबा आम्टे की पोती डॉ. शीतल
ये भी पढ़े: किसान आन्दोलन से आसमान छुएंगे इन चीज़ों के दाम
आईएमडी ने अपने पूर्वानुमान में कहा कि आगामी सर्दी के मौसम (दिसंबर से फरवरी) में उत्तर, उत्तर पश्चिम, मध्य भारत के अधिकतर उपसंभागों में और पूर्वी भारत के कुछ उपसंभागों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है।
ये भी पढ़े:प्रियंका ने शेयर किया ये Video, बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर देगा
ये भी पढ़े: कोरोना को लेकर नई गाइडलाइन जारी, क्या यूपी में भी होगा नाइट कर्फ्यू
उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में हर साल सर्दी के मौसम में शीतलहर के प्रकोप से अनेक लोगों की जान चली जाती है। महापात्र ने पिछले महीने एक वेबिनार में संकेत दिया था कि इस बार ला नीना प्रभाव की वजह से अधिक कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है।
ला नीना प्रशांत महासागर के पानी के शीतलन से जुड़ा घटनाक्रम है। आईएमडी के मौसम विज्ञान के लिहाज से चार भाग हैं। इनमें उत्तर पश्चिम भारत, दक्षिण प्रायद्वीप, पूर्व एवं उत्तर पूर्व भारत तथा मध्य भारत हैं।
उत्तर पश्चिम भाग में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख हैं। मध्य भारत में गुजरात, गोवा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे राज्यों का बड़ा हिस्सा आता है, वहीं दक्षिण प्रायद्वीपीय संभाग में समस्त दक्षिणी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी आते हैं। पूर्व और उत्तर पूर्व भारत संभाग में बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के सारे राज्य आते हैं।
ये भी पढ़े:पहले हुआ प्यार, फिर शादी के सपने दिखाकर किया गंदा काम, अब…