जुबिली न्यूज डेस्क
2030 के लिए निर्धारित जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को पाने के लिए जर्मनी ने भारत को 10 अरब यूरो की मदद देने को कहा है।
भारत के लिए साल 2030 के लक्ष्य में 50 फीसदी अक्षय ऊर्जा की सोर्सिंग और पांच सौ गीगावॉट गैर-जीवाश्म ईंधन बिजली क्षमता स्थापित करना शामिल है।
छठे भारत-जर्मनी इंटर-गर्वनमेंट कंस्लटेशन (IGC) के बाद जारी एक संयुक्त बयान में जर्मनी ने कहा-“आज जर्मनी हरित और सतत विकास के लिए इंडो-जर्मन साझेदारी की शुरुआत कर रहा है। इसके तहत जर्मनी 2030 तक 10 अरब यूरो की मदद भारत को देगा। ये रकम भारत के हरित विकास योजनाओं को मदद करेगी।”
यह भी पढ़ें : इसलिए Navjot Singh Sidhu पर कार्रवाई कर सकती है कांग्रेस
यह भी पढ़ें : ओवैसी ने दी उद्धव सरकार को सलाह, कहा-राज ठाकरे को जेल में डाल दो
यह भी पढ़ें : इस देश में पूर्वानुमान से दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहा समुद्र का स्तर
पीएम नरेन्द्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के बीच हुई बातचीत के बाद ये संयुक्त बयान जारी किया गया।
इन दोनों नेताओं के बीच हुई इस साझेदारी को राजनीतिक दिशा देने के लिए IGC के तहत एक द्विपक्षीय मंत्रिस्तरीय सिस्टम बनाने पर भी सहमति हुई है।
ग्लासगो में आयोजित CPO-26 में, भारत ने साल 2070 तक ‘जीरों उत्सर्जन’ के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की थी और साल 2030 तक अक्षय ऊर्जा से 50 फीसदी ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने की घोषणा की थी।
इसके साथ ही पांच सौ गीगावॉट गैर-जीवाश्म ईंधन बिजली क्षमता स्थापित करने और 2030 तक 2005 के स्तर पर यानी 45 फीसदी तक कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का भी आश्वासन दिया था।
यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र में हीट स्ट्रोक से 25 की मौत
यह भी पढ़ें : बिहार में क्या शुरु करने जा रहे हैं प्रशांत किशोर
बयान में यह भी कहा गया है, यह भारत के जलवायु और सतत विकास के क्षेत्र में उनके महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की उपलब्धि में सहायता करेगा। जर्मन-भारतीय अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) को और बढ़ावा देगा, निजी निवेश को प्रोत्साहित करेगा।”
मोदी और जर्मन चांसलर शॉल्त्स ने कहा कि सतत विकास और जलवायु परिवर्तन पर भारत-जर्मन सहयोग पेरिस समझौते और SDG के तहत उनकी प्रतिबद्धताओं में शामिल है।
यह भी पढ़ें : …तो पति दीपक की फोन रिकार्डिंग बनी श्वेता सिंह की हत्या की वजह?
यह भी पढ़ें : ‘किसी को भी कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता’