न्यूज़ डेस्क
दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका इन दिनों हिंसा और विरोध प्रदर्शनों का सामना कर रहा है। अश्वेश नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद पूरे अमेरिका में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों ने राजधानी वॉशिंगटन डीसी में महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया।
दरअसल, BlackLivesMatter के समर्थक वॉशिंगटन में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी दौरान कुछ शरारती तत्वों ने बापू की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया। सूत्रों के मुताबिक वॉशिंगटन की पुलिस ने दोषी व्यक्तियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
Mahatma Gandhi’s statue outside the Indian Embassy in Washington DC desecrated by unruly elements of #BlackLivesMatter protesters. Sources tell ANI that United States Park Police have launched an investigation, more details awaited. pic.twitter.com/jxRpIhqd2W
— ANI (@ANI) June 4, 2020
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बता दें कि अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में मौत का मामला पूरी दुनिया में गरमा गया है। तमाम देशों में पुलिस की ज्यादती के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। अमेरिका के तमाम राज्यों में प्रदर्शनकारी सड़क पर हैं। एथेंस में प्रदर्शनकारियों की भीड़ हिंसक हो गई और अमेरिका एंबेसी पर बम से फेंका।
दूसरी ओरअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप देश की राजधानी में नैशनल गार्ड के सैनिकों और प्रवर्तन अधिकारियों को भारी संख्या में तैनात करने करने का बुधवार को श्रेय लेते हुए कहा कि इसने राज्यों को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों को कुचलने के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है।
वाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि सोमवार रात वाइट हाउस के बाहर की गई कठोर कार्रवाई का राष्ट्रपति ने समर्थन किया है, जो देश की राजधानी में आक्रामक कार्रवाई कर शेष देश के लिये एक उदाहरण पेश करना चाहते थे।
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ट्रंप ने कहा, ‘आपको वर्चस्व कायम करने वाला सुरक्षा बल रखना होगा। हमें कानून व्यवस्था कायम रखने की जरूरत है। ’ उन्होंने कहा, ‘आपने देखा कि इन सभी जगहों पर, जहां समस्याएं हुईं, वहां पर रिपब्लिकन पार्टी सत्ता में नहीं है। वहां उदारवादी डेमोक्रेट शासन में हैं। ’
रक्षा विभाग ने जरूरत पड़ने पर सैनिकों को तैनात करने के लिए आकस्मिक योजनाएं बनाई हैं। समाचार एजेंसी एपी ने पेंटागन के दस्तावेजों का अवलोकन कर यह पाया कि देश की राजधानी में हालात बिगड़ने पर और नैशनल गार्ड के सुरक्षा नहीं कर पाने की स्थिति में थल सेना की एक डिविजन से सैनिकों को वाइट हाउस और अन्य संघीय इमारतों की सुरक्षा में लगाए जाने की योजना है।