न्यूज़ डेस्क
अमेरिका में अश्वेत शख्स जॉर्ज फ्लॉयड की हिरासत में मौत के खिलाफ हो रहे हिंसक प्रदर्शनों की वजह से देश में हालात बिगड़ गए हैं। हिंसक प्रदर्शन राजधानी वॉशिंगटन डीसी समेत अमेरिका के 140 शहरों तक फैल गया है। करीब छह राज्यों और कम से कम 13 बड़े शहरों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है। देश भर में नेशनल गार्ड के करीब 67,000 सैनिकों को तैनात किया गया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने कहा कि अमेरिका में अब तक इतनी बड़ी संख्या में सैनिक नहीं तैनात किए गए थे।
बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार शाम को ही भारी संख्या में मिलिट्री की तैनाती का फैसला किया था। जिसके बाद कुछ ही घंटों में सेना ने मोर्चा भी संभाल लिया। इसके बाद राजधानी से हिंसा की कोई खबर सामने नहीं आई जिस पर राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट कर लिखा, ‘बीती रात वॉशिंगटन इस धरती का सबसे सुरक्षित स्थान था।’
Washington, D.C., was the safest place on earth last night!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 2, 2020
फ्लॉयड की हत्या को लेकर हो रहे राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई है। करीब 4,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कम से कम 40 शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है। अधिकारियों ने हिंसा और लूट की घटनाओं के बाद न्यूयॉर्क सिटी में कर्फ्यू लगा दिया और पुलिस की मौजूदगी बढ़ा दी।
इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने वॉशिंटन में ‘चर्च ऑफ प्रेजिडेंट्स’ के नाम से मशहूर ऐतिहासिक सेंट जॉन्स एपिस्कोपल चर्च को आग तक लगा दी थी। सोमवार को भारी सुरक्षा इंतजामों के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने इसी चर्च का दौरा किया। वाइट हाउस के आसपास से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस ने रबर की गोली का इस्तेमाल किया। इस दौरान अमेरिकी सेना-पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई। हजारों प्रदर्शनकारियों ने ड्रम बजाते हुए सड़कों पर रैली निकाली और ‘Black Lives Matter’ के नारे लगाए।
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इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की हिरासत में मौत के खिलाफ हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को रोकने के लिए शहर एवं राज्यों द्वारा जरूरी कदम नहीं उठाए जाने की सूरत में सेना तैनात करने की सोमवार को धमकी दी । व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से आनन-फानन राष्ट्र के नाम दिए गए अपने संबोधन में ट्रंप ने घोषणा की कि वह दंगे, लूट, तोड़-फोड़, हमलों और संपत्ति की अकारण बर्बादी को रोकने के लिए ‘हजारों की संख्या में’ हथियारों से लैस सैनिकों, सैन्यकर्मियों और कानून प्रवर्तन अधिकारियों को भेजेंगे।
एक हफ्ते से जारी प्रदर्शनों में, अमेरिका में अब तक अरबों डॉलर की संपत्ति बर्बाद हो गई है और दंगाइयों ने फ्लॉयड की मौत पर गुस्सा जाहिर करते हुए व्यावसायिक केंद्रों और सार्वजनिक स्थानों को क्षतिग्रस्त किया है और दुकानों एवं मॉल में लूटपाट की है। ट्रंप ने कहा, ‘आज मैंने प्रत्येक गवर्नर से सड़कों पर पर्याप्त संख्या में नेशनल गार्ड की तैनाती करने की सिफारिश की है । मेयरों और गवर्नरों को हिंसा समाप्त होने तक कानून प्रवर्तन एजेंसियों या अधिकारियों की जबर्दस्त उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी।’
उन्होंने कहा कि अगर कोई शहर या राज्य अपने निवासियों के जान-माल की रक्षा करने के लिए जरूरी कदम उठाने से इनकार करता है तो मैं अमेरिकी सेना को तैनात करुंगा और उनके लिए जल्द ही समस्या का हल कर दूंगा। ट्रंप ने कहा कि हाल के दिनों में देश पेशेवर अराजक तत्वों, हिंसक भीड़, आगजनी करने वालों, लुटेरों, दंगाइयों, ऐंटीफा और अन्य की गिरफ्त में है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि ये शांतिपूर्ण प्रदर्शन के कृत्य नहीं है। ये घरेलू आतंकवाद के कृत्य हैं। बेकसूर लोगों को नुकसान पहुंचाना और मासूमों का खून बहाना मानवता और ईश्वर के खिलाफ अपराध है। अपने संबोधन में ट्रंप ने यह भी कहा कि फ्लॉयड की बर्बर मौत से सभी अमेरिकी दुखी हैं तथा इसका विरोध कर रहे हैं और इस बात पर जोर दिया कि इस मामले में न्याय होगा। उन्होंने कहा कि मैंने राष्ट्र के कानून की रक्षा करने की शपथ ली थी और मैं यही करुंगा। मेरा प्रशासन इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, जॉर्ज और उनके परिवार को न्याय मिलेगा। उनकी मौत बेकार नहीं जाएगी। श्वेत पुलिस अधिकारी, डेरेक चॉवीन पर थर्ड डिग्री हत्या का आरोप लगा है और अगले हफ्ते अदालत में उसकी पेशी है। तीन अन्य पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है।