स्पेशल डेस्क
लखनऊ। गैंगरेप और जानमाल की धमकी के आरोप में पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति जेल के बजाये बीते कई महीनों से बीमारी का बहाना बनाकर केजीएमयू के प्राइवेट वार्ड में भर्ती थे लेकिन शुक्रवार को आखिरकार पुलिस ने कड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें डिस्चार्ज कराकर वापस जेल भेज दिया है।
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बता दें कि इससे पूर्व अदालत ने भी वरिष्ठ जेल अधीक्षक को तलब किया था और उनकी बीमारी को लेकर जवाब मांगा था। गायत्री प्रसाद प्रजापति ने शुक्रवार को केजीएमयू से जेल जाने को तैयार नजर नहीं आ रहे थे। इतना ही नहीं उन्होंने इस दौरान अस्पताल में जमकर बवाल काटते हाई वोल्टेज ड्रामा भी किया लेकिन पुलिस ने किसी तरह से उनको डिस्चार्ज कराया है।
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इस दौरान पता चला है कि गायत्री प्रसाद प्रजापति को जेल न जाने पड़े इसके लिए प्राइवेट वार्ड का भुगतान नहीं कर कि करने की ठान ली थी। इसके बाद जेल प्रशासन ने केजीएमयू में रिपोर्ट लेकर गायत्री को डिस्चार्ज कराया गया है।
बता दें कि दो जनवरी को गायत्री की बीमारी के बाबत केजीएमयू की ओर से कोर्ट में एक रिपोर्ट पेश किया गयी थी। इसमें कहा गया है कि गायत्री को शुगर, यूरिन इंफेक्शन, पीठ दर्द की बीमारी है और सात महीने से उनकी इस बीमारी का इलाज चल रहा है।