जुबिली न्यूज डेस्क
ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने दिल्ली हाईकोर्ट में बताया कि गौतम गंभीर फाउंडेशन को अवैध रूप से दवाओं की जमाखोरी और कोविड-19 के मरीजों में फेबी-फ्लू नामक दवा बांटने का दोषी पाया गया है।
ड्रग कंट्रोलर की तरफ से कोर्ट में पेश हुई वकील नंदिता राव ने कहा कि गौतम गंभीर फाउंडेशन ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत अपराध किया है। फाउंडेशन अवैध तौर पर दवाओं को जमा करने का दोषी है। इसी एक्ट के तहत आम आदमी पार्टी के विधायक प्रवीण कुमार भी दोषी पाए गए हैं।
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अदालत ने अधिवक्ता राव से पूछा कि क्या ड्रग कंट्रोलर द्वारा पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट केवल सांसद गौतम गंभीर के संबंध में है या उसका प्रवीण कुमार से भी संबंध है?
इस पर जवाब देते हुए नंदिता राव ने कहा कि स्टेटस रिपोर्ट विधायक प्रवीण कुमार से भी संबंधित है और हमने उन्हें भी दोषी पाया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 29 जुलाई को सूचीबद्ध किया है।
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अदालत ने ड्रग कंट्रोलर को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इसके अलावा अदालत ने उसे इस संबंध में स्टेटस रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है।
मालूम हो कि हाईकोर्ट दीपक कुमार द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें गंभीर और मामले में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है।
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इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था वह ड्रग कंट्रोलर द्वारा दायर रिपोर्ट से पूरी तरह से असंतुष्ट है। ऐसा लगता है कि ड्रग कंट्रोलर ने इसमें शामिल कानूनी पहलुओं को नहीं देखा।