जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। देश के जाने-माने भारतीय पैरा बैडमिंटन हेड कोच गौरव खन्ना को 29 अगस्त को भारत के राष्ट्रपति द्वारा देश के सर्वोच्च प्रशिक्षक सम्मान द्रोणाचार्य सम्मान से सम्मानित किया जायेगा। इसके साथ ही पैरा बैडमिंटन के इतिहास मेंं दोर्णाचार्य प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति के रूप में अपना नाम दर्ज करा लेंगे।
गौरव के प्रशिक्षण में राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन टीम के खिलाडिय़ों ने पिछले 5 वर्षो में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन करते हुए 314 पदक ( 96 स्वर्ण, 94 रजत व 126 कांस्य) जीत कर देश का गौरव बढ़ाया है। पिछले कई वर्षों में भारतीय पैरा खिलाडिय़ों ने सामन्य खिलाडिय़ों से अधिक पदक भारत के लिए जीते है।
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गौरव खन्ना के प्रशिक्षण में ही प्रमोद भगत व मनोज सरकार जैसे अर्जुन अवॉर्डी खिलाडिय़ों ने विश्व कि सर्वश्रेष्ठ रैंक हासिल की और पूर्व अर्जुन अवॉर्डी रोहित बाकर डेफ बैडमिंटन व पारुल परमार भी इनके प्रशिक्षण में खेल की बारीकिया ंसीखी है। इस हिसाब से गौरव खन्ना पिछले 20 वर्षों से बैडमिंटन खेल में लगातार एक जीनियस अम्पायर, रेफरी, मैच कंट्रोल, लाइव स्कोरर से अब एक जीनियस बैडमिंटन कोच के रूप में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश व प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते आ रहे है।
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वर्ष 1998 में रेलवे में उप निरीक्षक कमांडो कैडेड पद में कैरियर की शुरुवात करने वाले गौरव खन्ना के जीवन में तब मुश्किल में पड़ गया जब वर्ष 2000 में एक मार्ग दुर्घटना में वो आंशिक दिव्यांग हो गये जिससे प्रोफेशनल खिलाड़ी से प्रोफेशनल कोच और तकनीकि अधिकारी के रूप में अपने आप को स्थापित किया। पूर्व में गौरव खन्ना भारतीय बधिर टीम के राष्ट्रीय हेड कोच भी रह चुके है ।
जिनके प्रशिक्षण में भारतीय टीम ने अंतरराष्ट्रीय बधिर प्रतियोगिताओं, डेफलम्पिक और बधिर विश्वचैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और बधिर के लिये स्पोर्टस साकेतिक भाषा को भी विकसित किया, श्री खन्ना के कोचिंग स्तर को देखते हुए वर्ष 2011 मंध एशिया युरोप महाद्वीपीय बधिर चैम्पियनशिप में एशियन टीम का कोच नियुक्त किया गया। वर्ष 2014 में भारतीय पैरालम्पिक कमेटी ने भरतीय पैरा बैडमिंटन टीम का हेड कोच नियुक्तकिया जिनके प्रशिक्षण में भारतीय पैरा बैडमिंटन टीम ने नई ऊंचाइयों को छुआ है।