जुबिली न्यूज डेस्क
देश का नाम बदलने को लेकर सोशल मीडिया पर भूचाल मचा हुआ है. दरअसल जी-20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति की ओर से दिए जाने वाले डिनर के लिए छपे कथित निमंत्रण पत्र को लेकर विवाद हो गया है. यह विवाद राष्ट्रपति की ओर से भेजे गए निमंत्रण पत्र में कथित तौर पर ‘भारत’ के अंग्रेज़ी नाम ‘इंडिया’ का प्रयोग न करने से पैदा हुआ है.
वहीं खबरों की मानें तो बताया जा रहा है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान केंद्र सरकार, देश के नाम बदले जाने का प्रस्ताव लेकर समाने आ सकती है। देश को नाम बदलने को लेकर सोशल मीडिया पर जैसे भूचाल आ गया है. हर कोई इसका विरोध कर रहा है. विपक्षी पार्टियां जमकर हमला बोल रही हैंं.
बता दे कि कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ”G-20 सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति द्वारा मेहमानों को भेजे गए आमंत्रण पत्र में रिपब्लिक ऑफ ‘इंडिया’ की जगह रिपब्लिक ऑफ ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है.”पार्टी ने पूछा है, ”INDIA से इतना डर? यह विपक्ष के लिए मोदी सरकार की नफ़रत है या एक डरे और सहमे हुए तानाशाह की सनक?”
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने अपने ट्विटर अकाउंट से इस कथित निमंत्रण पत्र का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा है कि ये देश किसी एक राजनीतिक पार्टी का नहीं है.
G-20 सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति द्वारा मेहमानों को भेजे गए आमंत्रण पत्र में रिपब्लिक ऑफ 'इंडिया' की जगह रिपब्लिक ऑफ 'भारत' शब्द का इस्तेमाल किया गया है।
INDIA से इतना डर?
यह विपक्ष के लिए मोदी सरकार की नफरत है या एक डरे और सहमे हुए तानाशाह की सनक?
— Congress (@INCIndia) September 5, 2023
उन्होंने लिखा, “जी-20 के न्योते पर बीजेपी की ओर से प्रेज़िडेंट ऑफ़ इंडिया की जगह प्रेज़िडेंट ऑफ़ भारत का ज़िक्र करने से बहस छिड़ गई है. बीजेपी ‘INDIA’पर हमला कैसे कर सकती है? ये देश किसी एक राजनीतिक पार्टी का नहीं है. ये 135 करोड़ भारतीयों का है. हमारी राष्ट्रीय पहचान बीजेपी की निजी संपत्ति नहीं है जिसे अपनी मर्ज़ी से बदल दिया जाए.”
The BJP's recent move to change the reference from 'President of India' to 'President of Bharat' on official G20 summit invitations has raised eyebrows and ignited a public debate. How can the BJP strike down 'INDIA'? The country doesn't belong to a political party; it belongs to… pic.twitter.com/riYNdQBkYa
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) September 5, 2023
सोशल मीडिया साइट पर इसे लेकर जमकर ट्वीट और रिट्वीट हो रहे हैं.
So the news is indeed true.
Rashtrapati Bhawan has sent out an invite for a G20 dinner on Sept 9th in the name of 'President of Bharat' instead of the usual 'President of India'.
Now, Article 1 in the Constitution can read: “Bharat, that was India, shall be a Union of States.”…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 5, 2023
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ”अब भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 को पढ़ा जा सकता है- भारत, जो कि इंडिया है, राज्यों का एक संघ होगा.”
विकास भदौड़िया ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा दर्द क्या है ? “प्रेसिडेंट ऑफ़ भारत” ही तो लिखा है ! इंतज़ार तो “प्रेसिडेंट ऑफ़ अखण्ड भारत” का है.
शशि थरूर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा- हालांकि भारत को “भारत” कहने में कोई संवैधानिक आपत्ति नहीं है, जो देश के दो आधिकारिक नामों में से एक है, मुझे उम्मीद है कि सरकार इतनी मूर्ख नहीं होगी कि “इंडिया” से पूरी तरह से छुटकारा पा ले, जिसकी सदियों से बनी अनगिनत ब्रांड वैल्यू है। . . हमें इतिहास के उस नाम पर अपना दावा छोड़ने के बजाय दोनों शब्दों का उपयोग जारी रखना चाहिए, एक ऐसा नाम जिसे दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है।
G-20 सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति द्वारा मेहमानों को भेजे गए आमंत्रण पत्र में रिपब्लिक ऑफ 'इंडिया' की जगह रिपब्लिक ऑफ 'भारत' PM मोदी की बौखलाहट नहीं सनक है
वो INDIA से घबराते हैं ये तो हमें पता था, पर इतनी नफ़रत कि देश का नाम ही बदलने लग जाएँगे? यह उनकी दहशत है
अब तो एक नाकाम…
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) September 5, 2023
सुप्रिया श्रीनेत ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा- G-20 सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति द्वारा मेहमानों को भेजे गए आमंत्रण पत्र में रिपब्लिक ऑफ ‘इंडिया’ की जगह रिपब्लिक ऑफ ‘भारत’ PM मोदी की बौखलाहट नहीं सनक है वो INDIA से घबराते हैं ये तो हमें पता था, पर इतनी नफ़रत कि देश का नाम ही बदलने लग जाएँगे? यह उनकी दहशत है अब तो एक नाकाम तानाशाह, जिसके हाथ से सत्ता जाने वाली है उसकी छटपटाहट देख कर तरस आता है.
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भारत देश का नाम बदलकर भारत किया जा सकता है।यह 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भारत गठबंधन और राहुल गांधी का डर है।
अब अगर गठबंधन का नाम बदलकर भारत कर दिया जाए तो बीजेपी क्या करेगी?सद्भाव, मैत्री, मेल-मिलाप और विश्वास लाएं। देश किसी राजनीतिक दल का नहीं है; यह 142 करोड़ भारतीयों का है। हमारी राष्ट्रीय पहचान भाजपा की निजी संपत्ति नहीं है जिसे वह अपनी इच्छानुसार बदल सके।