क्राइम डेस्क
राजधानी के विभूतिखंड में यूपी एटीएस ने अवैध रूप से इंटरनेट कॉल कराने वाले गिरोह के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में जौनपुर से सिंगरामऊ के अनिल कुमार यादव और सीतापुर से खैराबाद के अंशू यादव हैं। दोनों गोमतीनगर स्थित मकान में किराए पर रहकर गोरखधंधा चला रहे थे। इसी गिरोह ने अयोध्या में एक व्यक्ति को कॉल बम विस्फोट की झूठी जानकारी थी।
जानकारी के अनुसार दो अप्रैल को एक बाबा के पास एक कॉल आया जिसमें अयोध्या और गोरखपुर में स्टेशन पर बम धमाके करने व असलहे ले जाने की बात कही गई थी मामला यूपी एटीएस की जानकारी में आया। केस की जांच एटीएस ने शुरू की तो पता चला की कॉल अवैध टेलिकॉम एक्सचेंज से की गयी थी।
एटीएस के एडीजी असीम अरुण ने बताया कि टीम ने विभूति खंड के अंशू यादव और अनिल कुमार को गिरफ्तार किया है ये लोग विभुतिखंड के तीन मकानों में क्लाउड इन्फ्राटेल ,स्टार टेलिकॉम से रैकेट चला रहे थे. की एयरटेल की पीआरआई लाइन का है।
असीम अरुण ने कहा कि एटीएस ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम फील्ड यूनिट यूपी ईस्ट (लाइसेंस सर्विस एरिया) के साथ गुरुवार को अंशू के दर्ज पते पर छापा मारा। टीम को यहां से कई पीआरआई लाइन व सर्वर चलते मिले। यहां से इंटरनेट गेटवे को बाईपास कर विदेश से आने वाली अवैध इंटरनेट कॉल को डायवर्ट किया जाता था।
एटीएस दोनों अभियुक्तों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है कि यह लोग कब से यह गोरखधंधा कर रहे हैं, कौन-कौन से साथी हैं। अवैध इंटरनेट कॉलिंग, सिमबॉक्स और एक्सचेंज के बारे में इन्हें कहां से पता चला? अवैध एक्सचेंज से कितनी रकम जुटाई और उसे कहां निवेश किया है।
राष्ट्र की सुरक्षा के लिए है बड़ा खतरा
असीम अरुण ने बताया कि यह लोग विदेश से आने वाली इंटरनेट कॉल को वायस कॉल में बदलकर देश के विभिन्न नंबरों पर बात करा रहे थे। इसमें मोबाइल की स्क्रीन पर विदेश के बजाय भारत का ही नंबर दिखता है। यह काल गेटवे के माध्यम से नहीं आती है और इस कॉल की मॉनिटरिंग भी नहीं की जा सकती। ऐसे में यह राष्ट्र की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं।