जुबिली न्यूज डेस्क
आज है गणेश चतुर्थी का का त्योहार हैं। गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से प्रारंभ होता है और अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होता है. इस बार अनंत चतुर्दशी 9 सितंबर 2022 को है. इस दिन बप्पा का विसर्जन किया जाता है.
गणेश चतुर्थी पर गणपति स्थापना उत्तम समय यह है
10 दिवसीय गणेश महोत्सव का शुभ मुहूर्त भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी 30 अगस्त दोपहर से शुरू होकर आज 31 अगस्त दोपहर 03:30 पर समाप्त हो जाएगी. पंचांग के अनुसार इस बार गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना का शुभ मुहूर्त आज 31 अगस्त को दोपहर करीब 03:30 तक है
गणेश चतुर्थी पर पूजा की ये है विधि
गणेश चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नानादि से निवृत हो जाएं और व्रत का संकल्प लें. जहां गणपति की स्थापन करनी है वहां गंगाजल छिड़कर उस स्थान को पवित्र करें. अब उत्तर पूर्व दिशा में पूजा की चौकी रखें और उस पर लाल या सफेद कपड़ा बिछाएं.
गणेश चतुर्थी पर ग्रह नक्षत्रों का बना है अद्भुत संयोग
गणेश चतुर्थी के दिन 4 ग्रह अपनी राशि में रहेंगे. सूर्य स्व राशि सिंह में, बुध कन्या राशि में, गुरु मीन राशि में, शनि मकर राशि में होंगे. इसके साथ शुक्र सिंह राशि में प्रवेश करके सूर्य के साथ युति करेंगे. चंद्रमा बुध की राशि कन्या से दोपहर बाद बदलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे. सम्पूर्ण अहोरात्र रवि योग का विशेष संयोग भी बनेगा. गणपति का जन्म मध्याह्न काल में होने से दोपहर 12 बजकर 3 मिनट से 2 बजकर 22 मिनट तक स्थापना पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा.
गणेश चतुर्थी पर करें ये खास उपाय
गणेश चतुर्थी के दिन गुड़ की छोटी -छोटी 21 गोलियां बना लें. इन गोलियों को दूर्वा के साथ गणेश के चरणों में अर्पित करें. गणेश जी की कृपा से हर मनोकामना पूर्ण होगी.
गणेश चतुर्थी के दिन स्नान आदि करके भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें और गुड़ में शुद्ध घी मिलाकर भोग लगाएं. इसके बाद इसे किसी गाय को खिला दें. भगवान की कृपा से अपार धन की प्राप्ति हो सकती है.
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गणेश चतुर्थी पर वर्जित है ये काम
आज गणेश चतुर्थी पर चंद्रदर्शन नहीं करना चाहिए. मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन करने से कलंक लगता है.