प्रमुख संवाददाता
लखनऊ. आपदा को अवसर में बदलने की एक और तस्वीर सामने आयी है. कोरोना काल में बचाव के तरीके सरकार ने लगातार बताए हैं. वह तरीके जैसे ही फेल होते नज़र आये फ़ौरन ही उसका तोड़ भी पेश किया गया.
कोरोना से बचने की पहली ज़रूरत मास्क है. घर से बाहर निकलने वाले हर व्यक्ति को मास्क पहनना ही होगा. आपदा काल में मास्क ज़रूरी बताया गया तो तरह-तरह के मास्क बाज़ार में आने लगे. बताया गया कि एन-95 मास्क सबसे बेहतर मास्क है. तीन महीने बाद एन-95 मास्क कसौटी पर खरा नहीं उतरा तो श्री गांधी आश्रम ने मेक इन इण्डिया नारे के साथ खादी का मास्क तैयार कर दिया.
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खादी का बना यह मास्क एन-95 मास्क का तोड़ बताया जा रहा है. एक मास्क की कीमत 333 रुपये होगी. मास्क के डिब्बे पर चरखा तो बदस्तूर कायम है लेकिन गांधी जी को रिप्लेस कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लगा दिया गया है. गांधी आश्रम के प्रोडक्ट से गांधी जी क्यों गायब किये गए यह सवाल उठना तो लाजमी है. सवाल यह है कि क्या गांधी आश्रम से भी गांधी जी की विदाई की शुरुआत हो गई है.