प्रमुख संवाददाता
नई दिल्ली. केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और संस्कृति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आज नई दिल्ली में गांधी दर्शन, राजघाट में होम थियेटर-360 इमर्सिव एक्सपीरियंस प्रदान करने वाले गोलाकार गुंबद और गांधी दर्शन में लगायी गयी डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया.
यह महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के दो साल चलने वाले स्मरणोत्सव का हिस्सा है. इस मौके पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, संस्कृति सचिव राघवेन्द्र सिंह, गांधी स्मृति और दर्शन समिति के निदेशक दीपांकर ज्ञान और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
इस मौके पर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि गांधीजी का व्यक्तित्व ऐसा था कि यह आज भी पूरी मानवता को प्रेरित करता है. उन्होंने कहा कि गांधीवादी दर्शन जीवन के सभी पहलुओं को छूता है और “महात्मा गांधी ने हमेशा सतत विकास पर जोर दिया था.” उन्होंने गांधीजी के मूल्यों के प्रसार की खातिर डिजिटल उपकरण विकसित करने से जुड़े विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रयासों का उल्लेख किया. उन्होंने एक बेहतर और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण के लिए युवाओं से गांधीजी की शिक्षाओं को अपनाने का आह्वान किया.
संस्कृति राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने अपने संबोधन में कहा कि गांधीजी की सोच सांस्कृतिक चिंतन और वैज्ञानिक स्वभाव का एक सही सम्मिश्रण थी. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की शिक्षाएं आज और भी ज्यादा प्रासंगिक हैं, खासकर ग्रामीण विकास के लिए.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि विभाग ने महसूस किया कि वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी बहुत शक्तिशाली प्रौद्योगिकी उपकरण हैं जिनका उपयोग भारत के युवाओं में गांधीजी के संदेश के प्रसार के लिए किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इसलिए उनके विभाग ने स्मरणोत्सव के समापन के हिस्से के रूप में गांधी दर्शन में एक गोलाकार गुंबद में महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित एक 360 डिग्री वीडियो-इमर्सिव एक्सपीरियेंस की स्थापना का प्रस्ताव दिया.
महात्मा गांधी के जीवन पर बनी इन चार फिल्मों (हिन्दी और अंग्रेजी दोनों संस्करण) को मिलाकर एक पूरी फिल्म का निर्माण किया गया. यह फ़िल्में हैं :- मोहन टू महात्मा, द लास्ट फेज, फ्रीडम फ्रॉम फियर और गांधी फोरेवर.
गांधी अभिलेखागार से मिले फोटो, वीडियो, ऑडियो साक्षात्कार जैसी सामग्रियों को डिजिटल प्रारूपों में प्रोसेस किया गया और जहां भी संभव हो सकता था, उनका उपयोग किया गया. 360 डिग्री वाली गुंबद परियोजना का कार्यान्वयन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली ने किया है.
सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए टेस्टिंग, कैलिब्रेशन और फाइन-ट्यूनिंग के पूरा होने के बाद, फिल्मों को गांधी दर्शन, राजघाट में स्थापित गुंबद पर दिखाने के लिए एक पूरी फिल्म का रूप दिया गया.
गुंबद के अनुभव के अलावा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाले स्वायत्त संस्थान, विज्ञान प्रसार के जरिए विभाग ने महात्मा गांधी से जुड़ी डिजिटल प्रदर्शनी की स्थापना का काम किया. इन्हें पूरे देश में 17 स्थानों पर प्रदर्शित किया जाता है. राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम) के तहत आने वाले 15 संग्रहालयों और नई दिल्ली के गांधी दर्शन एवं गांधी स्मृति के दो संग्रहालयों में.
ये प्रदर्शनी वस्तुएं विभिन्न डिजिटल माध्यमों के जरिए महात्मा गांधी के जीवन और विचारों को प्रस्तुत करती हैं. इसके लिए वित्त पोषण संस्कृति मंत्रालय से मिलता है.
डिजिटल और आभासी प्रदर्शन/प्रदर्शनी के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्री का निर्माण संस्कृति मंत्रालय के तहत गांधी स्मृति और दर्शन समिति की देख-रेख में किया गया है. डिजिटल और आभासी प्रदर्शनी के लिए निम्नलिखित प्रकार के डिस्प्ले का उपयोग किया गया है.
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इस गुंबद में दिखाए जाने वाले विषय हैं :- महात्मा गांधी का सपना, उनका जीवन और महात्मा बनने की यात्रा, गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन, उनके यात्रा वृत्तांत, सत्याग्रह और उनके विचार, गांधी के सहयोगी, गांधी को प्रेरित करने वाले और उनके नक्शेकदम पर चलने वाले लोग, वर्तमान समय में गांधी की प्रासंगिकता, आधुनिक दुनिया में उनका प्रभाव, अंतिम यात्रा, गांधी को श्रद्धांजलि और महात्मा के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में विदेश मंत्रालय द्वारा जारी ‘ वैष्णव जन’ भजन के वीडियो की श्रृंखला.