जुबली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का तबादला किए जाने को लेकर छात्रों में जबर्दस्त गुस्सा है। इलाहाबाद छात्र संघ के उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती देते हुए सड़कों पर उतरने का ऐलान किया है।
छात्र नेता अखिलेश यादव ने अपना एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि, 69000 शिक्षक भर्ती की परतें खोलने वाले प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध का उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा तबादला करना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। उत्तर प्रदेश सरकार एसएसपी सत्यार्थ का तबादला रोके, अन्यथा हम सभी इविवि छात्रसंघ के लोग, प्रतियोगी छात्र सड़क पर उतरेंगे।
69000 शिक्षक भर्ती की परतें खोलने वाले @PrayagrajSsp सत्यार्थ अनिरुद्ध का @UPGovt द्वारा तबादला करना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।@UPGovt एसएसपी सत्यार्थ का तबादला रोके,अन्यथा हम सभी इविवि छात्रसंघ के लोग,प्रतियोगी छात्र सड़क पर उतरेंगे।@INCUttarPradesh @bstvlive @brajeshlive @nsui pic.twitter.com/XuQr4DTBVN
— Akhilesh Yadav (@AkhileshInc) June 16, 2020
बता दें कि सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज वही अधिकारी हैं जिन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को 9 जिलों के एसएसपी समेत 14 आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया है। इसमें प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का नाम भी शामिल है।
प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध को प्रतीक्षारत कर दिया गया है। वहीं पीलीभीत के एसपी अभिषेक दीक्षित को प्रयागराज का एसएसपी बनाया गया है।
यह भी पढ़ें : 69000 शिक्षक फर्जीवाड़े का खुलासा करने वाले SSP को हुआ कोरोना
एसएसपी सत्यार्थ को प्रतीक्षारत कर देने से शासन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकार के आदेश के बाद सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने सोशल मीडिया पर विदाई संदेश लिखा है।
उन्होंने लिखा कि एसएसपी प्रयागराज पद पर रहते हुए प्रयागराज की जनता ने जो प्यार और भरोसा दिया उसका मैं सदैव आभारी रहूंगा। आपका यह भरोसा पुलिस पर सदैव बना रहे यही कामना है। प्रयागराजवासियों को अशेष शुभकामनाएं।
एस एस पी प्रयागराज पद पर रहते हुए प्रयागराज की जनता ने जो प्यार और भरोसा दिया उसका मैं सदैव आभारी रहूँगा। आपका यह भरोसा पुलिस पर सदैव बना रहे यही कामना है। प्रयागराजवासियों को अशेष शुभकामनायें।💐💐💐💐💐
–सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज— SSP PRAYAGRAJ (@PrayagrajSsp) June 15, 2020
इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता सुनील यादव ने भी ट्वीट कर सवाल खड़े किए हैं, उन्होंने लिखा कि, 69000 भर्ती में भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले प्रयागराज के एसएसपी को योगी सरकार ने हटा दिया। इससे साफ है कि जांच के नाम पर भर्ती में केवल लीपापोती की जा रही है और केवल बड़ों को बचाने का खेल चल रहा है। भ्रष्टाचार सरकार की नसों में घुस चुका है।
69000 भर्ती में भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले प्रयागराज के एसएसपी को योगी सरकार ने हटा दिया। इससे साफ है कि जांच के नाम पर भर्ती में केवल लीपापोती की जा रही है और केवल बड़ों को बचाने का खेल चल रहा है। भ्रष्टाचार सरकार की नसों में घुस चुका है।
— Sunil Singh Yadav (@sunilyadv_unnao) June 16, 2020
इसके आलावा रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि, 69000 शिक्षक भर्ती घोटाले पर सरकार की मर्जी के खिलाफ जाकर कार्यवाही करना SSP प्रयागराज को भारी पड़ गया। ईमानदारी की सजा उन्हें मिली और वह अब पद से हटा दिए गए हैं। सत्यार्थ अनिरुद्ध के बाद अब अनिल यादव और अशोक वेंकटेश कैसे अफ़सरों की बारी है। सरकार ‘शिक्षा माफ़ियाओं’ के साथ है।
69000 शिक्षक भर्ती घोटाले पर सरकार की मर्जी के खिलाफ जाकर कार्यवाही करना SSP प्रयागराज को भारी पड़ गया। ईमानदारी की सजा उन्हें मिली और वह अब पद से हटा दिए गए हैं। सत्यार्थ अनिरुद्ध के बाद अब अनिल यादव और अशोक वेंकटेश कैसे अफ़सरों की बारी है। सरकार ‘शिक्षा माफ़ियाओं’ के साथ है। pic.twitter.com/M7eLLldDzq
— Surya Pratap Singh (@suryapsinghias) June 16, 2020
ये है मामला
प्रयागराज जिले की सोरांव पुलिस को एक ऐसे गिरोह के सरगनाओं की तलाश है, जिन्होंने टीचरों की नियुक्ति के लिए इसके अभ्यर्थियों से आठ से 12 लाख रुपये तक की वसूली की है। सोरांव पुलिस ने इस बारे में कई गिरफ्तारियां कर तफ्तीश आगे बढ़ा दी है। आरोप है कि दर्जनों अभ्यर्थियों ने टीचरों की बहाली में सक्रिय गिरोह की मदद से परीक्षा पास की। प्रयागराज पुलिस इन सरगनाओं की तलाश में पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में खाक छान रही है।
इस मामले में दर्ज एक शिकायत के आधार पर पुलिस ने जिला पंचायत सदस्य रहे कृष्णा पटेल और उसके दो साथियों को पकड़ भी लिया है। माना जा रहा है कि इन आरोपियों से मिली जानकारी के बाद एक बड़ा राजफाश हो सकता है। आरोपियों के पास मिली डायरी में 20 अभ्यर्थियों के नाम और संपर्क नंबर होने की बात कही जा रही है। इस आधार पर दूसरे अभ्यर्थियों की धड़पकड़ भी तेज हो गई है। जानकारी पुख्ता है तो साफ है कि इन अभ्यर्थियों ने टीचर नियुक्ति की परीक्षा पास करने के लिए 8 से 12 लाख रुपये तक खर्च किए थे। पुलिस ने इसी जानकारी के आधार पर नियुक्ति गैंग में शामिल सरगनाओं से 24 लाख रुपये और कुछ लग्जरी गाड़ियां बरामद की हैं।
यह भी पढ़ें : आखिर क्यों चौटाला को आने लगी कांशीराम की याद
यह भी पढ़ें : सुशांत की मौत का सदमा नहीं बर्दास्त कर पाई भाभी, हुई मौत