Tuesday - 29 October 2024 - 12:11 AM

भगोड़े जवान ने खेला ठगी का खेल और हो गया अरेस्ट

जुबिली पोस्ट ब्यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर में सेना में भर्ती कराने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले 6 साल पूर्व सेना से भागे जवान को गिरफ्तार किया गया है। आर्मी इंटेलीजेंस व यूपी एसटीएफ की कानपुर यूनिट 2 माह से उसकी धरपकड़ में लगी थी। गिरफ्तार जालसाज भर्ती के नाम पर 150 लोगों से करोड़ों की ठगी कर चुका है।

सेना में भर्ती कराने के नाम पर अन्तरराज्यीय स्तर पर ठग गिरोह का खुलासा रविवार को कानपुर आर्मी इंटेलीजेंस व उत्तर प्रदेश स्पेशल टॉस्क फोर्स (STF) ने सेना से भगोड़े जावन को गिरफ्तार कर किया है।

रैकेट को संचालित कर रहे असम में तैनाती के दौरान 2013 से भागा जवान कई सालों में करीब 150 लोगों को सेना में नौकरी का झांसा देकर करोड़ों की ठगी कर चुका है।

भगोड़े जवान को पकड़ने में उस वक्त कामयाबी हासिल हुई जब कानपुर आर्मी इंटेलीजेंस को शिकायतें मिली। शिकायतों के आधार पर 2 माह पूर्व आर्मी इंटेलीजेंस ने कानपुर एसटीएफ यूनिट के साथ संयुक्त आपरेशन शुरू किया।

आर्मी इंटेलीजेंस ने एसटीएफ के साथ जाल बिछाया और चकेरी के एयरपोर्ट इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि एसटीएफ ने अभियुक्त की गिरफ्तारी कैंट थाना एरिया में सर्किट हाऊस तिरहे के पास से दिखाई है और हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

गिरफ्तार ठग उन्नाव जनपद के बीघापुर के ग्राम व पोस्ट रैथाना आलोक कुमार अवस्थी है। उसके कब्जे से सेना का आई कार्ड सहित सेना से जुड़े कई दस्तावेजों के साथ ही ठगी के रुपयों से खरीदी गई कार बरामद की गई है।

इंटरनेट से करत था संपर्क

जालसाज ने उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, बिहार से देश के कई हिस्सों से 150 लोगों से ठगी किये जाने की बात कबूल की है। लेकिन यह संख्या इससे बहुत अधिक हो सकती है, जिसकी जानकारी जुटाने में पुलिस लगी हुई है। इंडियन आर्मी के अधिकारियों के सम्बंध में भी खंगाले जा रहे हैं। कैंट पुलिस गिरफ्तार जालसाज के खिलाफ विधिक कार्यवाही में जुट गई है।

खुद को बताता था अधिकारी

गिरफ्तार भगोड़ा जवान आलोक लोगों को भर्ती के नाम पर ठगने के लिए खुद को सेना का जूनियर कमीशन अधिकारी बताया था। इसके लिए वह बकायदा फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करता था और उन्हें दिखाकर लोगों को भरोसे में लेता था। उसके पास से बरामद आर्मी भर्ती का 2010 में 8 जून का मद्रास इंजीनियर ग्रुप सेंटर में एसपीआर पद का जारी आई कार्ड मिला है।

जाली दस्तावेज दिखाकर बनाता था शिकार

आलोक अपने रिश्तेदारों व दोस्तों के माध्यम सम्पर्क में आये लोगों को अपना शिकार बनाता था। वह उन्हें इंडियन आर्मी का परिचय पत्र व कैंटीन स्मार्ट कार्ड व कुछ लोगों को इंटरनेट व वाट्सएप दिखकार उन्हें भरोसे में लेता था। इसके बाद वह उन्हें बताया था कि उसके सेना में तैनात कई कर्नल व कई बड़े अधिकारियों से परिचय है, जिसके जरिये वह उनकी भर्ती करवा देगा।

झांसा देने के लिए अपने लिकर कार्ड से लोगों को आर्मी कैंटीन से सामान भी दिलवा देता था। विश्वास हो जाने पर वह उनसे 3 से 5 लाख रुपये ले लेता था। कुछ लोगों से अपने एकाउंट में व कुछ लोगों से नगद रुपये लेता था।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com