जुबिली स्पेशल डेस्क
अमृतसर। पंजाब में कांग्रेस के लिए लगातार परेशानी का केंद्र बन हुए है नवजोत सिंह सिद्धू। आलम तो यह है कि अपनी पार्टी के खिलाफ उनका जहर उगलना कांग्रेस को कई मौकों पर मुश्किल में डाल चुका है।
हालांकि हर बार नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर कांग्रेस ने नरम रुख अपनाया है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह हैं पंजाब में होने वाला विधान सभा चुनाव।
कांग्रेस को कैप्टन के बाद नवजोत सिंह सिद्धू से पंजाब में काफी उम्मीदें है। इस वजह से नवजोत सिंह सिद्धू के हर नखरे को उठा रही है।
इस बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब विधान सभा चुनाव से पहले ही एक और बड़ा बयान दिया है। दरअसल उन्होंने बताया है कि वो कहा से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने एक अखबार से बातचीत में कहा है कि अमृतसर सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ इस बाचतीच में सिद्धू ने यह भी कहा कि पार्टी चीफ सोनिया गांधी को भेजे 13 सूत्रीय एजेंडा पर अब चन्नी सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है।
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हालांकि पंजाब में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, इसको लेकर नवजोत सिंह सिद्धू ने कोई ठोस जवाब नहीं और टालते हुए नजर आये लेकिन बस इतना कहा कि यह पार्टी हाईकमान तय करेगा।
सिद्धू ने कहा, कि मैंने तब भी अपना चुनावी क्षेत्र नहीं बदला था जब अरुण जेटली को साल 2014 के चुनाव में अमृतसर से टिकट दी गई थी। मैंने राज्यसभा की सीट तक लेने से इनकार कर दिया था।
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बात दे कि सिद्धू 2004 से अमृतसर सीट से सांसद रहे थे। हालांकि उस समय सिद्धू कांग्रेस में नहीं थे बल्कि बीजेपी में थे। सिद्धू 2017 में बीजेपी से अलग होकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।