Tuesday - 29 October 2024 - 10:54 AM

मसालों से लेकर चावल तक, पिछले दो सालों में इतने प्रतिशत हुआ महंगा

जुबिली  न्यूज डेस्क

देश में महंगाई की मार से लोग परेशान है। आए दिन किसी ना किसी चीज के दाम बढ ही रहे है। एक बार फिर मसालों की कीमत में उछाल देखने को मिला है।  हाल ही में हींग के दाम बढ़ने से महंगाई पर चर्चा शुरु हो गई है। भारत, अफगानिस्तान के अलावा ईरान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देशों से भी हींग खरीदता है। भारत में इस्तेमाल की जाने वाली हींग की दो सबसे आम किस्में लाल और सफेद हैं। सफेद हींग को अफगानिस्तान का मूल निवासी माना जाता है। वह पानी में घुलनशील होता है। जबकि अन्य देशों में पाया जाने वाला लाल हींग तेल में घुलनशील होता है।

मसालों की बढ़ी कीमत

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो सालों में मसाले की कीमत करीब 30 फीसदी बढ़ गई है। अधिकांश मसालों की कीमतों में साल-दर-साल दो अंकों की वृद्धि हुई है, ब्रांडेड धनिया की कीमत एक साल पहले की तुलना में इस साल जून में 16.9 प्रतिशत अधिक रही। रिटेल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म बिजोम द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, गरम मसाला भी 15.6 फीसदी महंगा हुआ है।

अफगानिस्तान से भारत में आयात पिछले साल अगस्त से इस साल जून तक हर महीने अलग-अलग रहा है। इंडस्ट्री एस्टीमेट के मुताबिक, हींग को हासिल करने के लिए भारत ने इस साल जून में 17.6 मिलियन डॉलर खर्च किया है।

आवश्यक खाद्य पदार्थों की कीमत में उछाल

आवश्यक खाद्य पदार्थों की कीमतों में भी पिछले एक साल में मध्य से बढ़ोतरी देखी गई। ब्रांडेड दूध 5.4 फीसदी और ब्रेड 12.3 फीसदी महंगा हुआ है। इस साल की शुरुआत में अमूल और आईटीसी जैसी कंपनियों ने दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज नोट के मुताबिक, इस साल जुलाई में पूरे भारत में थोक दूध की कीमतों में सालाना 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। मक्खन, घी और बासमती चावल की कीमतें भी बढ़ रही हैं। सबसे तेज उछाल ब्रांडेड बासमती चावल की कीमत में देखा गया है, जो एक साल पहले की तुलना में 32 प्रतिशत अधिक कीमत पर मिल रहा है। मक्खन 7.7 फीसदी महंगा हुआ है, जबकि घी 5.3 फीसदी महंगा हुआ है।

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रोजाना इस्तेमाल की चीजों के दाम फिर बढ़े

बता दे कि ब्रांडेड स्नान साबुन पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत महंगा हुआ है। हिंदुस्तान यूनिलीवर और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स जैसी एफएमसीजी कंपनियों ने साबुन के दाम बढ़ाकर खुद को बचाया है। ब्रांडेड डिटर्जेंट की कीमतें भी पिछले एक साल में 9.7 फीसदी बढ़ी हैं। बिज़ोम के आंकड़ों के अनुसार, फर्श की सफाई करने वाले उत्पाद 12.3 प्रतिशत महंगे हुए हैं। वहीं महंगाई की इस मार से जनता परेशान है।

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