न्यूज डेस्क
जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) कैंपस में 5 जनवरी को हुई हिंसा के शुरुआती जांच में ये सामने आया था कि मारपीट करने वाले नकाबपोश ABVP और लेफ्ट के कार्यकर्ता ही थे। इनकी पहचान कर पुलिस जल्द ही एक्शन लेगी। इस बीच हिंदू रक्षा दल के संगठन ने जेएनयू में हुई हिंसा की जिम्मेदारी ली है।
हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष भूपेंद्र तोमर उर्फ पिंकी चौधरी ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी देश विरोधी कार्यकर्ताओं का अड्डा बन गया है, हम इसे सहन नहीं कर सकते हैं। ऐसे में हम जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले की जिम्मेदारी लेते हैं और साफ कर दें कि जिन लोगों ने हमले किए वे हमारे ही कार्यकर्ता हैं। बताया जा रहा है कि पिंकी चौधरी आम आदमी पार्ट के कार्यालय पर हमले समेत अन्य कई मामलों में जेल जा चुके हैं।
हिंदू रक्षा दल संगठन ने विडियो में दावा किया है, “जो गतिविधियां हुईं हमें बर्दाश्त नहीं हैं। ये लोग हमारे देश में रहते हैं, हमारे देश का खाते हैं। हमारे देश में ही शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। हमारे देश में ऐसी गतिविधियां हिंदू रक्षा दल बर्दाश्त नहीं करेगा।”
हालांकि दिल्ली पुलिस अब चौधरी के इस दावे की जांच में जुट गई है। दिल्ली पुलिस की एक स्पेशल टीम आज जेएनयू परिसर पहुंच गई है। यहां पर पुलिस नकाबपोश उपद्रवियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज के साथ फेस रिकग्निशन तकनीक का भी इस्तेमाल कर रही है।
Govt Sources: Claims made by Hindu Raksha Dal Chief Pinky Chaudhary are being investigated. Delhi Police has taken cognizance. To identity masked men in JNU, Police is taking help of video footage as well as face recognition systems https://t.co/oJgxo03IDv
— ANI (@ANI) January 7, 2020
गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में रविवार रात कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों और टीचर्स पर हमला कर दिया था। हिंसा में घायल 32 छात्रों को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
बवाल के बाद राजनीति
इस बीच दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा को लेकर रजिस्ट्रार को समन जारी किया है। वहीं दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में मालीवाल ने दिल्ली पुलिस से मामले में दर्ज की गई प्राथिमिकी का ब्योरा मांगा है और हिंसा पर तत्काल कदम नहीं उठाने के कारण स्पष्ट करने को कहा है।
जेएनयू की घटना पर मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने भी नाराजगी जताई है। संगठन का कहना है कि विरोध प्रदर्शन पर दिल्ली पुलिस का कंट्रोल न होना दुखद है। संगठन ने पुलिस की आलोचना की।
अखिल भारतीय कार्यकारी निदेशक अविनाश कुमार ने एक बयान में कहा कि दिल्ली पुलिस छात्रों पर भीड़ के बर्बर हमले की शर्मनाक मूकदर्शक बनी रही। उन्होंने कहा कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने कर्तव्य में विफल रहे, यह शर्मनाक है।
ये वीडियो बेहद भयावह है। कम से कम 30-40 नक़ाबपोश गुंडे #JNU hostel में घुसकर हमला कर रहे हैं।दिल्ली पुलिस ग़ायब है।राजनैतिक नेतृत्व की पूरी शह है।न्यूज चैनलों की आँखें बंद है। pic.twitter.com/hIXhG2Quyf
— Vinod Kapri (@vinodkapri) January 5, 2020
गौरतलब है कि पांच जनवरी की शाम को जेएनयू में दर्जनों नकाबपोश लोगों ने कैंपस में घुसकर तोड़फोड़ की थी। इस दौरान हमलावरों ने छात्रों और फैकल्टी पर हमला भी किया, जिसमें 30 से अधिक लोग घायल हुए. घायलों में JNUSU की अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल थीं, जिनके सिर पर गंभीर चोट आई थी। इस हिंसा से जुड़े कुछ वीडियो साझा किए जा रहे हैं जिनमें ABVP-LEFT दोनों की तरफ से एक-दूसरे पर हिंसा का आरोप लगाया जा रहा है।