जुबिली न्यूज डेस्क
कौशांबी में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां पर पिछले महीने आयोजित विवाह कार्यक्रम में 20 अधिक बेटियों का विवाह बगैर दूल्हे के करा दिया गया. एक शिकायतकर्ता ने समाज कल्याण मंत्री से आईजीआरएस के माध्यम से फर्जीवाड़े की शिकायत करते हुए बताया कि 10-10 हजार की रिश्वत लेकर बिना वर के ही शादी कराकर सर्टिफिकेट भी दे दिया.
सिराथू तहसील के मीठेपुर सयारा स्थित बाबू सिंह डिग्री कालेज में 23 नवंबर को गरीब परिवार की बेटियों की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी कराई गई थी. जिसमे दो सौ से अधिक कन्याओं का विवाह कराया गया था. सामूहिक विवाह कार्यक्रम में कड़ा ब्लाक के सयारा मीठेपुर, अंदावा, शहजादपुर इसके अलावा सिराथू ब्लॉक के कोखराज, बिदनपुर, भदवा आदि गांव के वर-वधु शामिल हुए थे. कार्यक्रम में बीजेपी के जिलाध्यक्ष धर्मराज मौर्य, राज्य महिला आयोग की सदस्य प्रतिभा कुशवाहा, सिराथू ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि लवकुश मौर्य समेत जिले के आला अधिकारी भी शामिल हुए थे.
20 से अधिक कन्याओं के बिना वर की शादी
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के गृह नगर सिराथू के डीएस मौर्य ने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार समाज कल्याण से आईजीआरएस पोर्टल के माध्यम से शिकायत करते हुए बताया कि सामूहिक विवाह कार्यक्रम में लगभग 20 से अधिक कन्याओं के वर नहीं आए थे. लेकिन सिराथू एवं कड़ा ब्लॉक के सहायक विकास अधिकारी ने 10-10 हजार रुपये लेकर शादी करा दिया.
आरोप है कि सहायक विकास अधिकारियों के द्वारा ही दलालों के माध्यम से गरीब कन्याओं की शादी की फाइल तैयार कराई जाती है. प्रत्येक जोड़े से 3 से 5 हजार रुपये की धन उगाही की जाती है. जिन कन्याओं के वर परदेश में कमाई करने चले जाते हैं और शादी के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाते हैं तो उनसे 10-10 हजार रुपये की मोटी रकम ली जाती है.
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उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यदि कोई आवेदक स्वयं ही सामूहिक विवाह की फाइल ऑनलाइन कराकर लाता है तो उनकी फाइल में कोई न कोई कमी निकाल दी जाती है. मजबूरी में वह दलालों के पास जाता है. इसके बाद वह मोटी रकम लेकर फाइल को शामिल करवाता है. डीएस मौर्य ने सिराथू एवं कड़ा ब्लॉक के सहायक विकास अधिकारियों के खिलाफ जांच कराकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.