जुबिली न्यूज डेस्क
फ्रांस में महिलाओं को गर्भपात कराने का संवैधानिक अधिकार दे दिया गया है। इसके लिए संविधान में संशोधन भी किया गया है। गर्भपात को अधिकार बनाने वाला फ्रांस दुनिया का पहला देश बन गया है। इसके लिए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र बुलाया। इस विधेयक के पक्ष में 780 वोट पड़े जबकि विपक्ष में सिर्फ 72 वोट ही डाले गए।
बता दें मैक्रों ने महिलाओं से इस कानून का वादा किया था। इसकी मांग को लेकर फ्रांस में पिछले काफी समय से आंदोलन चलाया जा रहा था।
फ्रांस में क्या था गर्भपात संबंधी कानून?
फ्रांस में गर्भपात को लेकर 1975 में एक कानून लाया गया था। तब फ्रांस में गर्भपात को कानूनी अधिकार दिया गया था। अब इसे संवैधानिक अधिकार बना दिया गया है। फ्रांस में इस कानून को लेकर एक सर्वे भी कराया गया जिसमें 85 फीसदी जनता ने गर्भावस्था को समाप्त करने के अधिकार की रक्षा के लिए संविधान में संशोधन का समर्थन किया है।
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस कदम को फ्रांसीसी गौरव बताते हुए दुनिया के लिए एक संदेश कहा है। वहीं वेटिकन समेत गर्भपात विरोधी समूहों ने इस बदलाव की कड़ी आलोचना की है। फ्रांस की संसद के निचले सदन में स्पीकर याइल ब्रौन-पिवेट संयुक्त सत्र की शुरुआत करते हुए कहा कि फ्रांस यह कदम उठाने वाला पहला देश है।
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स्पीकर ने कहा कि उन्हें गर्व है कि महिलाओं को यह अधिकार दिया गया है। विधेयक पारित होने से पहले फ्रांसीसी प्रधानमंत्री गेब्रियल अटल ने कहा कि हम सभी महिलाओं को यह संदेश दे रहे हैं कि वे अपने बारे में खुद निर्णय ले सकती हैं। फ्रांस की सरकार महिला दिवस के मौके पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेगी और इस फैसले का जश्न मनाएगी।