जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. पटना के गांधी मैदान में 27 अक्टूबर 2013 को नरेन्द्र मोदी की हुंकार रैली में नरेन्द्र मोदी के रैली में पहुँचने से ठीक बीस मिनट पहले हुए हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में अदालत ने चार दोषियों को फांसी और दो को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है. दो दोषियों को दस साल और एक दोषी को सात साल की सज़ा सुनाई गई है. एक आरोपित फखरुद्दीन को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया. इस सीरियल ब्लास्ट में छह लोगों की मौत हो गई थी जबकि 80 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
एनआईए अदालत में स्पेशल जज गुरविंदर मल्होत्रा ने सोमवार को गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में सज़ा का एलान किया. अदालत ने सिलसिलेवार बम धमाकों के आठ साल बाद सोमवार को इम्तेयाज़ अंसारी, नोमान अंसारी, मुजीबुल्लाह, हैदर अली, उमेर सिद्दीकी, फ़िरोज़ असलम, अजहरुद्दीन, इफ्तिखार और अहमद हुसैन को दोषी करार दिया.
27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान में बीजेपी की हुंकार रैली थी. इसमें मुख्य वक्ता के तौर पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित करना था. मैदान खचाखच भरा था. मंच पर नेताओं के भाषण चल रहे थे. नरेन्द्र मोदी रैली में पहुँचते इसके बीस मिनट पहले ही गांधी मैदान में सिलसिलेवार बम धमाके होने लगे. इससे सनसनी फैल गई. हर तरफ भगदड़ का माहौल हो गया. इसी अफरातफरी के बीच आरोपित भी फरार हो गए. मामला एनआईए को ट्रांसफर किया गया. लम्बी तफ्तीश के बाद आरोपित सलाखों के पीछे पहुँच गए.
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