न्यूज डेस्क
मार्च 2019 में न्यूजीलैंड में एक मस्जिद में आतंकी हमला हुआ था, उसके बाद वहां जो देखने को मिला था, वैसा शायद ही किसी देश में देखने को मिला हो। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डन ने जिस तरह पीडि़त परिवारों को संभाला और आतंकवाद पर कहा वह किसी भी देश के लिए मिसाल हो सकता है। जेसिंडा ने कहा था, ‘आपने जो देखा वो न्यूजीलैंड नहीं है। हम ऐसे नहीं है और हमारे देश में नफरत और आतंकवाद की कोई जगह नहीं है।’
एक बार फिर प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डन ने मिसाल पेश किया है। उन्होंने उस बात के लिए अपने देशवासियों से माफी मांगी है जो उनके कार्यकाल में हुआ ही नहीं है। दरसअल उन्होंने 40 साल पहले हुए एक विमान हादसे के बारे में तत्कालीन सरकार के झूठ बोलने के लिए माफी मांगी है।
मालूम हो कि वर्ष 1979 में न्यूजीलैंड सरकार के स्वामित्व वाला एक विमान अंटार्कटिका में स्थित 3794 मीटर ऊंची माउंट इरेबस की पहाडिय़ों में दुर्घटना का शिकार हो गया था। इस हादसे में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
उस समय सरकार और एयर न्यूजीलैंड ने इस दुर्घटना की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए जांचकर्ताओं से झूठ बोला और उन्हें गलत डेटा मुहैया कराया था। इस हादसे में मरने वालों में ज्यादातर न्यूजीलैंड के लोग शामिल थे।
इस हादसे की शुरुआती जांच में पायलट की गलती इस हादसे की वजह मानी गई, लेकिन रॉयल कमीशन ऑफ इंक्वायरी में सामने आया कि विमान में लगे कंप्यूटर के नेविगेशन सिस्टम में बदलाव और इस बारे में पायलटों को जानकारी न देने से हादसा हुआ।
रॉयल कमीशन ऑफ इंक्वायरी के प्रमुख पूर्व जस्टिस पीटर महोन ने अपनी जांच में बताया कि एयर न्यूजीलैंड के गवाहों ने झूठ बोला और एयरलाइन पर गंभीर आरोप लगाए, लेकिन उनकी जांच रिपोर्ट को न्यूजीलैंड सरकार ने तब गलत बताते हुए खारिज कर दिया था।
अब सरकार और एयरलाइन की गलती सामने आने के बाद वर्तमान प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डन ने हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों से सरकार की तरफ से माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि हादसे के लिए पायलट जिम्मेदार नहीं थे।
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