जुबिली स्पेशल डेस्क
कानपुर। ग्रीनपॉर्क के पूर्व क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अजय कुमार सेठी विवादों में है। दरअसल उनकी दादागिरी के किस्सें इतने प्रचलित हो चुके है कि नाम इन दिनों सबकी जुबान पर है। जानकारी के मुताबिक उनका ट्रांसफर काफी पहले हो चुका है लेकिन अजय अपनी कुर्सी पर जमे हुए है।
उन्होंने कुर्सी के अलावा स्टेडियम परिसर में बने आवास पर भी अपना कब्जा जमा रखा है। इस आवास पर वो लंबे समय से रह रहे है। अजय पर आरोप है कि उसने कुर्सी पर रहते हुए तमाम महत्वपूर्ण कागजों में हेरा-फेरी की है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उनके खिलाफ कई महत्वपूर्ण कागजों में हेरा-फेरी करने का आरोप है, जिसको लेकर जिलाधिकारी स्तर से जांच करवायी गयी है, जिसमें आरोपों की पुष्टि भी हो चुकी है।
बताया जा रहा है कि अजय को 18 जनवरी तक आवास खाली करने और विभागीय फाइलों को हैंडओवर करने का निर्देश मिला है। यदि अजय इस आदेश का समय रहते पालन नहीं करते है तो उन पर बलपूर्वक एक्शन होगा।
क्या है पूरा मामला
ग्रीनपॉर्क के पूर्व क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अजय कुमार सेठी का ट्रांसफर चित्रकूट दो साल पहले हुआ था लेकिन उन्हें ग्रीनपार्क का भी अस्थायी चार्ज सौंपा गया था।
बेटी की शादी का हवाला देकर आवास खाली करने किया मना
इस दौरान उनकी मनमानी तब और बढ़ गई जब उन्होंने ग्रीनपॉर्क के अंदर अपना पुराना आवास नहीं छोड़ा और वहीं पर कब्जा जमा बैठे। मामला तब और बढ़ गया जब पिछले साल उपनिदेशक खेल मुद्रिका पाठक का ट्रांसफर हुआ है और तब सेठी से फौरन आवास खाली करने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने अपनी बेटी की शादी का हवाला देकर आवास खाली करने से मना कर दिया।
कई फाइले उन्हें गायब मिली
उधर नये उपनिदेशक खेल ने जैसे ही अपना पद संभाला तो कई फाइले उन्हें गायब मिली है। बताया जा रहा है कि पूर्व आरएसओ ने कई फाइले और महत्वपूर्ण कागजातों को दबा रखा है और अभी तक उसे विभाग को सौंपा नहीं है।
इस दौरान कई अनियमिताएं सामने आ रही है। आरएसओ से कहा गया है कि जल्द सभी कागजों को फौरन विभाग को सौंपने को कहा है लेकिन उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है।
जानकारी मिल रही है कि खेल निदेशालय के अधिकारियों ने उन्हें घर खाली करने के लिए छह माह का समय दिया था। इतना ही नहीं सेठी की मूल तैनाती चित्रकूठ के आरएसओ पद पर है।
अभी तक आवास नहीं खाली किया
आरएसओ ने उस समय सारी हदें पार कर दी जब बेटी की शादी भी हो गई लेकिन उन्होंने अभी तक आवास नहीं खाली किया है। मामला डीएम तक जा पहुंचा है। इसके डीएम आलोक तिवारी ने सिटी मैजिस्ट्रेट एसीएम-7 दीपक कुमार पाल को जांच सौंपी है।
जांच में सारे आरोप सही पाये गए है। इसके बाद 28 दिसम्बर तक आरएसओ को आवास और खेल विभाग की अहम फाइले सौंपने के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया है और अब उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है।
इस नोटिस में साफ कहा गया है कि आरएसओ आवास और फाइले हैंडओवर करे वरना बलप्रयोग कर आवास खाली कराया जायेगा।