Tuesday - 29 October 2024 - 3:05 PM

पूर्व पुलिस कमिश्नर मारिया की किताब उठा रही है कई राज से पर्दा

स्पेशल डेस्क

मुम्बई। पूर्व मुम्बई पुलिस कमिश्नर और मशहूर पुलिस अधिकारी रहे राकेश मारिया की आत्मकथा सामने आ चुकी है लेकिन इस आत्मकथा ने कई ऐसे खुलासे किये है जिससे महाराष्ट्र सरकार की नींद उड़ गई है। इतना ही नहीं इस दौरान खाकी की राजनीति भी सामने आ रही है। राकेश मारिया ने अपनी आत्मकथा में कुछ ऐसी बात का खुलासा किया है जो उस समय खाकी की वजह से सामने नहीं आ सकी थी।

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किताब के माध्यम से बताया है कि 26/11 आतंकी हमले से लेकर पुलिस विभाग में कैसे राजनीतिक हस्तक्षेप होते थे। इसके साथ ही उन्होंने अपनी पुस्तक लेट मी से इट नाउ में लिखा है कि अगर लश्कर का प्लान सफल हो जाता तो सारे अखबार और टीवी चैनलों पर हिंदू आतंकवाद की हेडिंग लगाते नजर आते।

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उधर उनकी किताब के खुलासे पर बीजेपी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है। भाजपा नेता पीयूष गोयल ने उनकी किताब को लेकर कहा है कि मारिया ने ये सब बात अभी क्यों बोला।

जब वो पुलिस कमिश्नर थे तब उन्हें ये सब बातें बोलनी चाहिए। वास्तव में सर्विस रूल्स में अगर कोई जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के पास है तो उनके उसके ऊपर एक्शन लेना चाहिए था। मेरे ख्याल से बहुत गहरी साजिश रची गई थी कांग्रेस द्वारा, यूपीए द्वारा।

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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यही नहीं रूके उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद के नाम पर देश को गुमराह करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि इसका खामियाजा कांग्रेस को साल 2014 औऱ 2019 में भुगतना पड़ा।

राकेश मारिया ने अपनी किताब में बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि 26 नवंबर, 2008 के मुंबई हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब अगर मौके पर ही मारा जाता तो आज दुनिया इस घटना को शायद हिंदू आतंकवाद मान लेती।

इसपर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इसे हिंदू आतंकवाद की शक्ल देने के लिए पूरी कोशिश में थी। उन्होंने अपनी किताब में खुलासा किया है कि 10 हमलावरों को हिंदू साबित करने के लिए मौके से फर्जी आईकार्ड तक भेजे गए थे।

कसाब के पास जब आईकार्ड मिला था तो उसमे बेहद चौंकाने वाली बाते लिखी थी। आईकार्ड के हिसाब से उसकी पहचान कसाब नहीं बल्कि समीर चौधरी बतायी जा रही थी। इसके आलावा कसाब को हैदराबाद के दिलकुशनगर के एक कॉलेज का छात्र बताया जा रहा था। इसके बाद जांच का दौर चला तब कसाब से जुड़ी जानकारी को गोपनीय रखना चुनौती था।

मुंबई पुलिस की चुनौती थी आतंकी कसाब पूरी डिटेल मीडिया में लीक न हो। मारिया ने अपनी किताब खुलासा किया है कि कसाब को जिंदा रखना उनकी पहली प्राथमिकता थी।

कसाब के पकड़े जाने के बाद से आम लोग ही बल्कि मुम्बई पुलिस डिपार्टमेंट के अफसर भी गुस्सा था। उधर पाकिस्तान और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा कसाब को किसी तरह से उसे मारना चाहता था क्योंकि कसाब मुंबई हमले का सबसे बड़ा और एकमात्र सबूत था।

राकेश मारिया की किताब में शीना बोरा हत्याकांड को लेकर बड़ा खुलासा है। उन्होंने अपनी किताब में बताया है कि मुम्बई पुलिस में अपने सहयोगी रहे तत्कालीन सह पुलिस आयुक्त देवेन भारती उस समय के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मेरे नाम से गलत जानकारी देकर गुमराह किया है। कुल मिलाकर उनकी किताब के सामने आने से बीजेपी कांग्रेस पर हमला बोल रही है। अब देखना होगा कि कांग्रेस इसपर कोई जवाब देती है या नहीं।

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