जुबिली स्पेशल डेस्क
भोपाल। देश में कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक रही है। आलम तो यह रहा कि दूसरी लहर में मौतों का सिलसिला लगातार जारी है। इतना ही नहीं एक वक्त ऐसा भी आया जब कोरोना के मामले तीन लाख से ज्यादा देश में आये लेकिन अब कोरोना पहले के मुकाबले थोड़ा कमजोर हुआ है और अब इसका असर कम होता दिखाई पड़ रहा है।
हालांकि कोरोना अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है लेकिन लोग फिर लापरवाही करते नजर आ रहे हैं। ताजा मामला है मध्य प्रदेश का है जहां पर पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार में हजारों की भीड़ ने एक बार फिर ना किसी ने मास्क पहना और ना ही कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हुआ।
अहम बात यह है कि सरकार ने अंतिम सरकार में केवल दस लोगों के शामिल होने का नियम बनाया है लेकिन यहां पर खुलेआम सरकारी आदेश की भी लोगों ने जमकर धज्जियां उड़ायी है।
मध्य प्रदेश में कोरोना काबू में है और सरकार ने अनलॉक प्रक्रिया भी शुरू कर दी है लेकिन सरकार ने कहा है कि अभी सर्तक रहना होगा क्योंकि कोरोना अभी गया नहीं। हालांकि लोग सरकार की बात को मानने में विश्वास नहीं रखते है और लापरवाही करते नजर आ रहे हैं।
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लक्ष्मीकांत शर्मा बीजेपी के बड़े नेता थे और उनका कोरोना से निधन हुआ था। उन्हें 11 मई को कोरोना हुआ था और इसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
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उनके अंतिम संस्कार में लोगों ने कोविड गाइडलाइन्स को नहीं माना और धज्जियां उड़ायी है। लक्ष्मीकांत शर्मा के राजनीतिक सफर पर एक नजर डाले तो साल 1998, 2003 और 2008 में सिरोंज लटेरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे हैं।