Monday - 28 October 2024 - 11:52 AM

वसूली मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख गिरफ्तार

जुबिली न्यूज डेस्क

मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है।गिरफ्तारी से पहले ईडी ने देशमुख से 12 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की।

अनिल देशमुख सोमवार को दोपहर 12 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे थे। उनसे रात 12 बजे से अधिक समय तक ईडी कार्यालय में पूछताछ होती रही।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक रात लगभग 1.30 बजे, 71 वर्षीय अनिल देशमुख को धन शोधन निवारण अधिनियम  (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया।

इससे पहले दिन में, ईडी के अतिरिक्त निदेशक सहित अधिकारियों की एक टीम ने देशमुख का बयान दर्ज करने के लिए दिल्ली से आई थी।

इससे पहले अनिल देशमुख ईडी के कम से कम पांच समन में शामिल नहीं हुए थे। इन समन को रद्द करने के लिए वो बंबई उच्च न्यायालय भी चले गए थे।

ईडी के सामने पेश होने से पहले सोमवार को अनिल देशमुख ने एक वीडियो जारी कर कहा कि वो जांच में सहयोग कर रहे हैं।

देशमुख ने कहा- “मुझे ईडी का समन मिला है और मीडिया ने गलत तरीके से रिपोर्ट किया है कि मैं जांच में सहयोग नहीं कर रहा हूं। प्रत्येक समन के बाद, मैंने ED को सूचित किया कि मेरी याचिका कोर्ट में लंबित है। मैं फैसला आते ही ईडी के समक्ष खुद को पेश कर दूंगा। मेरे स्टाफ और मेरे परिवार ने तलाशी के दौरान हमेशा ईडी का सहयोग किया है। मैंने CBI  के पास अपने बयान भी दर्ज किए हैं। आज मैं ईडी के सामने पेश हो रहा हूं”।

आगे देशमुख ने कहा कि कुछ लोगों ने उनके खिलाफ आधारहीन आरोप लगाए हैं। ये बेईमान लोग खुद ही जबरन वसूली और यहां तक कि हत्या के कई रैकेट में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस आयुक्त का उच्च पद संभालने वाला प्रमुख व्यक्ति अब वांटेड फरार अपराधी है।

मालूम हो 29 अक्टूबर को उच्च न्यायालय ने देशमुख के खिलाफ ईडी के समन को रद्द करने से इनकार कर दिया और उन्हें एजेंसी के सामने पेश होने का निर्देश दिया था।

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वहीं ईडी ने आरोप लगाया है कि अनिल देशमुख ने गृहमंत्री के रूप में कार्य करते हुए, सचिन वाजे के जरिए “विभिन्न बार मालिकों से लगभग 4.7 करोड़ रुपये अवैध रूप से प्राप्त किया है”।

ईडी के अनुसार इसमें से लगभग 4.18 करोड़ रुपये तब दिल्ली की चार शेल कंपनियों के पास नकद में जमा किए गए थे। इन फर्मों ने बाद में अनिल देशमुख और उनके परिवार की अध्यक्षता वाले एक धर्मार्थ ट्रस्ट, श्री साईं शिक्षण संस्थान ट्रस्ट को पूरा पैसा दान कर दिया।

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