न्यूज डेस्क
हाल ही में कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों का हवाला देते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से इस्तीफा देने वाले अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) और VVPAT पर सवाल उठाया है।
2012 बैच के अधिकारी रहे गोपीनाथन ने दावा किया है कि पेपर ट्रेल मशीनों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को छेड़छाड़ की चपेट में ले लिया। उल्लेखनीय है कि साल 2017 के गोवा विधानसभा चुनावों के बाद से सभी ईवीएम के साथ मतदाता-सत्यापित पेपर ऑडिट ट्रेल मशीनों का इस्तेमाल किया गया है।
कोर्ट के आदेशों के तहत चुनाव आयोग (ईसी) ने इस साल के शुरू में लोकसभा चुनाव के दौरान ईवीएम के साथ वीवीपीएटी का भी इस्तेमाल किया था। हालांकि इस दौरान आठ मशीनों में से एक बेमेल रहीं मगर संसदीय चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए वोटों में यह अंतर बहुत कम था। अब गोपीनाथ का दावा है कि VVPAT मशीनों में छेड़छाड़ की आशंका सबसे अधिक हो सकती है। चुनाव आयोग ने अभी गोपीनाथ के आरोपों का जवाब नहीं दिया है।
So, you might remember my spirited defense of EVMs. I still stand by it, except that my first election with VVPAT has taken away my trust. VVPAT has created a hole in the EVM armor & made the process amenable to hacking @DrSYQuraishi @AshokLavasa @ECISVEEP https://t.co/uKdu7AfBee
— Kannan Gopinathan (@naukarshah) September 24, 2019
आम चुनाव के दौरान दादर और नगर हवेली में निर्वाचन अधिकारी रहे गोपीनाथ ने फरवरी 2019 में चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित ‘मैनुअल ऑन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपीएटी’ के नए संस्करण का हवाला देते हुए कहा, ‘तो आपको ईवीएम के बचाव के प्रति मेरी उत्साह याद हो सकता है। मैं अभी भी अपने इस पक्ष पर कायम हूं सिवाय इसके कि VVPAT साथ हुए पहले चुनाव ने मेरा भरोसा छीन लिया है। वीवीपीएटी ने ईवीएम कवच में एक छेद कर दिया है और इस प्रक्रिया को हैकिंग के लिए उत्तरदायी बना दिया है।
पूर्व आईएस गोपीनाथ ने कहा कि मैंने इस मुद्दे को दो मौके पर उठाया था। एक बार जब ईसीआई ने निर्वाचन अधिकारी को आईआईआईडीईएम में ट्रेनिंग दे रहा था। दूसरी बार निर्वाचन अधिकारी रहते ईसीआईएल के समक्ष इस मुद्दे को उठाया। इसलिए मैं बिना किसी गड़बड़ी के अब अपनी चिंताओं को दूर करना चाहूंगा।
With the kind of design, it is clear that the whole process can be vitiated by manipulating the VVPAT.
Question now is whether VVPAT can be manipulated?
If it can be, then how & when in the process.
And if it is, then do we have a fool proof process check.
— Kannan Gopinathan (@naukarshah) September 24, 2019
बताते चले कि कन्नन ने पिछले महीने ही यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि वह जम्मू एवं कश्मीर में पांच अगस्त से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण परेशान हैं। उन्हें गृह मंत्रालय की ओर से कर्तव्यों का पालन नहीं करते हुए काम में ढील बरतने और अनुपस्थित रहने के कारण आठ जुलाई को एक नोटिस जारी किया गया था।