जुबिली न्यूज डेस्क
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य के दिग्गज नेता केशुभाई पटेल का निधन हो गया है। गुरुवार सुबह सांस लेने में तकलीफ होने के बाद केशुभाई पटेल को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। केशुभाई पटेल की उम्र 92 साल थी।
कुछ वक्त पहले ही केशुभाई पटेल कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाए गए थे, हालांकि उन्होंने कोरोना को मात दे दी थी। राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने केशुभाई पटेल के परिवार से बात की और दुख व्यक्त किया।
केशुभाई पटेल के बेटे के मुताबिक, कोरोना को मात देने के बाद भी उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। लेकिन गुरुवार सुबह सांस लेने में तकलीफ के बाद जब उन्हें अस्पताल ले जाया गया, तब इलाज में उन्होंने कोई रिस्पॉन्ड नहीं किया था।
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केशुभाई पटेल ने दो बार गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभाला था, वो 1995 और 1998 में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन 2001 में उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था. हालांकि, दोनों ही बार केशुभाई पटेल अपने कार्यकाल को पूरा नहीं कर पाए थे।
दरअसल 2001 में बीजेपी ने केशुभाई पटेल की जगह नरेंद्र मोदी को गुजरात के सीएम पद पर बिठा दिया था क्योंकि भूकंप के बाद केशुभाई सरकार पर प्रशासनिक अक्षमता के आरोप लग रहे थे। राज्य की सियासत में केशुभाई पटेल के लिए इसे बड़ा झटका माना गया था। इसी के चलते उनके और नरेंद्र मोदी के रिश्ते में खटास भी आ गई थी लेकिन फिर भी मोदी उन्हें अपना गुरु ही मानते थे।
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल से नरेंद्र मोदी का पुराना रिश्ता है। कहा जाता है कि नरेंद्र मोदी जब-जब गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे तब चुनाव जीतने के बाद केशुभाई का आशीर्वाद लेने जाते थे।
केशुभाई पटेल की गिनती गुजरात में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं में होती रही है, जिन्होंने जनसंघ के वक्त से ही पार्टी के लिए काम किया था। राज्य में भाजपा की ओर से पहले सीएम भी केशुभाई पटेल ही थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी केशुभाई पटेल के साथ लंबे वक्त तक काम किया और अक्सर नरेंद्र मोदी, केशुभाई पटेल का आशीर्वाद लेने के लिए जाते थे।
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बीजेपी में अनबन होने के कारण केशुभाई पटेल ने 2012 में अपनी नई पार्टी बनाई थी, जिसका नाम गुजरात परिवर्तन पार्टी रखा था। हालांकि, 2014 में केशुभाई पटेल ने अपनी पार्टी का विलय फिर से बीजेपी में कर दिया था।
केशुभाई 1980 से 2012 तक बीजेपी का हिस्सा थे। 1995 में उन्हीं के नेतृत्व में गुजरात में बीजेपी की सरकार बनी थी। हालांकि 2012 में बीजेपी से अलग होकर उन्होंने गुजरात परिवर्तन पार्टी बनाई थी। तब उन्होंने मोदी की सार्वजनिक मंच से आलोचना भी की थी। इससे पहले गुजरात के सीएम विजय रूपाणी के शपथग्रहण समारोह में भी दोनों साथ में दिखे थे। साल 2017 में ही केशुभाई पटेल के बेटे प्रवीण के निधन पर पीएम मोदी उनसे मुलाकात करने उनके आवास गए थे।