न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव शुरु होने के साथ ही चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठता रहा है। चुनाव खत्म होने के बाद भी विपक्षी दलों का आरोप लगाने का सिलसिला जारी है और उसी चुनाव आयोग के समर्थन में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी आ गए हैं। उन्होंने चुनाव आयोग की तारीफ करते हुए कहा कि 17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव आयोग ने बहुत अच्छे तरीके से संपन्न कराया है।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन इस आयोग की तुलना भी की है। वहीं चुनाव आयोग पर चुनाव के दौरान लग रहे आरोपों पर उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान आयोग के काम-काज को लेकर उस पर शक भी किया गया है लेकिन उन्होंने साफ करते हुए कहा कि चुनाव आयुक्त के चुनाव को बदले जाने की आवश्यकता है।
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पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि चुनाव आयुक्त का चयन अभी तक एक्सक्यूटिव करते आए हैं और सुकुमार सेन का चयन भी एक्सक्यूटिव ने ही किया था। आज तक जितने भी चुनाव आयुक्त हुए हैं उनका चयन एक्सक्यूटिव ने ही किया है। उन्होंने आगे कहा कि सारे न्यायाधीश और न्याय से जुड़े उच्च अधिकारियों का चयन प्रधानमंत्री और कानून मंत्री द्वारा किया जाता है।
1952 में हुए लोकसभा चुनाव को याद करते हुए मुखर्जी ने कहा कि हमने इसकी शुरुआत 1952 में तब की थी जब सिविल सर्वेंट सुकुमार सेन ने इसे बहुत ही सफलता पूर्वक अंजाम तक पहुंचाया था। हमारे मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग करने और देश में होने वाले चुनाव में आज तक अपना विश्वास नहीं खोया है और बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे हैं।
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मुखर्जी ने कहा कि मौजूदा चुनाव में 67.3 फीसदी लोगों ने इसमें भाग लिया है और यह इस बात का गवाह है कि लोगों का विश्वास चुनाव आयोग से बना हुआ है।