जुबिली न्यूज़ डेस्क
किसान कानून को लेकर देश में चल रहा किसान आंदोलन लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कानून के विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली बॉर्डर पर करीब छह दिन से डटे हुए हैं। इस बीच इस आंदोलन में एक नया मोड़ आ गया है। अब इस आन्दोलन में अवार्ड वापसी का दौर शुरू हो गया है।
जी हां पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने भारत सरकार पर किसानो के साथ विश्वासघात का आरोप लगाते हुए आंदोलन के समर्थन में पद्म विभूषण लौटा दिया है। उनके साथ ही अकाली दल के एक और नेता सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी अपना पद्म भूषण/सम्मान लौटाने की बात कही है।
प्रकाश सिंह बादल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को करीब 3 पन्ने की चिट्ठी लिखते हुए कृषि कानूनों का विरोध जताया। साथ ही किसानो पर हो रहे एक्शन को लेकर निंदा की। उन्होंने लिखा कि, मैं इतना गरीब हूं कि किसानों के लिए कुर्बान करने के लिए मेरे पास कुछ और नहीं है, मैं जो भी हूं किसानों की वजह से हूं। ऐसे में अगर किसानों को अपमान हो रहा है, तो किसी तरह का सम्मान रखने का कोई फायदा नहीं है।
गौरतलब है कि पिछले एक हफ्ते से किसान केंद्र सरकार द्वारा पास कराए गए किसान बिलों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। तीन कृषि कानूनों के विरोध में संसद के मानसून सत्र के दौरान ही अकाली दल के हिस्से से काबीना मंत्री रहीं हरसिमरत कौर ने भी इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बाहर हो गई थी।
बता दें कि अकाली दल पंजाब में लगातार कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। हालांकि, कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अकाली दल पर हमलावर हैं और लगातार अकाली दल को घेरे हुए हैं। अमरिंदर ने ये आरोप लगाया था कि जब अकाली दल केंद्र सरकार में शामिल थी, और ये कानून तैयार हुए थे उस समय विरोध क्यों नहीं किया गया था।